मध्यप्रदेश के खंडवा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव श्री दादाजी दरबार मंदिर नवनिर्माण के भूमिपूजन महोत्सव में शामिल होने पहुंचे। यहां सीएम ने पहले बड़े दादाजी और छोटे दादाजी की समाधि के दर्शन कर पूजन अर्चन किया। इसके बाद उन्होंने भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन स्थल पर पुष्प अर्पित किए।
सीएम यादव ने कहा कि श्री धूनी वाले दादाजी मंदिर जिलेवासियों सहित निमाड़ क्षेत्र के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह केवल एक मंदिर ही नहीं, बल्कि लाखों भक्तों की आस्था एवं उनकी श्रद्धा का प्रतीक है। इस मंदिर के निर्माण की कई बरसों पूर्व की कामना आज शिलान्यास के रूप में पूर्ण हुई, जो एक नए आध्यात्मिक युग का प्रारंभ है।
बता दें कि, श्री धूनी वाले दादाजी मंदिर के भव्य निर्माण के लिए भूमिपूजन निर्धारित शुभ मुहूर्त के अनुसार वेद-ऋचाओं के उच्चारण के साथ संतों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में हुआ। भूमिपूजन में पांच कन्याओं की विशेष भूमिका रही। यहां पहले तो मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव श्री दादाजी दरबार धाम पहुंचे। जहां उन्होंने श्री बड़े और छोटे दादाजी महाराज की समाधियों के दर्शन कर, पूजन अर्चन के बाद धूनीमाई में आहूति भी अर्पित करते हुए प्रार्थना की। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंदिर नवनिर्माण के भूमिपूजन स्थल पर संतों की उपस्थिति में पुष्प अर्पित किए।
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श्री भव्य मंदिर निर्माण किया जाएगा
खंडवा के प्रसिद्ध श्री धूनी वाले दादाजी मंदिर का निर्माण 22 एकड़ की भूमि पर 100 करोड़ की लागत से नवनिर्माण समिति द्वारा करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसको लेकर घोषणा करते हुए कहा कि ट्रस्ट द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य जो संभव हो वो किया जाए। उसके बाद शेष रहे कार्य का निर्माण शासन द्वारा किया जाएगा। मंदिर का निर्माण शिर्डी व अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर विभिन्न चरणों में किया जाएगा। मंदिर निर्माण में संगमरमर का उपयोग होगा। निर्माण कार्य का प्रारंभ गुरु पूर्णिमा के बाद किया जाएगा। भव्य मंदिर निर्माण में आधुनिक गौशाला, सेवाधारी निवास, पार्किंग व्यवस्था, भक्त निवास, भोजनशाला एवं नर्मदा परिक्रमावासी विश्रामस्थल का निर्माण किया जाएगा।
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देश का पांचवां सबसे बड़ा धाम
इस आयोजन के दौरान मौजूद श्री दादा गुरु महाराज ने कहा कि यह मंदिर निर्माण नहीं एक युग का प्रारंभ होगा। जो कि कलयुग का महाकाल होगा। भारत के आध्यात्मिक चारो धामों के बाद किसी धाम की गिनती होती है, तो वह है श्री दादाजी धाम। जो कि पांचवां धाम हैं। ये मंदिर श्रद्धा, सेवा एवं आध्यात्म का पवित्र केन्द्र है।