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Khargone News: बिजली पोल पर काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी की करंट लगने से मौत, परिजन ने शव रखकर किया हंगामा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खरगोन Published by: खंडवा ब्यूरो Updated Wed, 28 May 2025 09:00 PM IST
मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के झिरन्या जनपद क्षेत्र में बिजली पोल पर काम करते समय करंट की चपेट में आने से एक आउटसोर्स कर्मचारी की मौत हो गई। हालांकि यह हादसा तो मंगलवार दोपहर का है, लेकिन इस मामले ने बुधवार को उस समय तूल पकड़ा, जब परिजन मृतक का शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए। इस बीच परिजनों के साथ यहां पहुंचे जयस पदाधिकारियों ने मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये मुआवजा सहित परिवार के एक सदस्य को नौकरी और पेंशन देने जैसी मांगो को लेकर जमकर हंगामा किया। यहां परिजन जिला कलेक्टर से मिलने की मांग पर अड़े रहे। कलेक्टर के वहां नही मिलने पर उन्होंने कसरावद रोड़ पर शव रखकर धरना दे दिया। इसके चलते सड़क मार्ग के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गईं। परिजन का यह धरना सुबह करीब 9 बजे से शुरू हुआ था जो कि दोपहर तक जारी रहा।
इधर हंगामा कर रहे परजिनों ने बताया कि मृतक रामलाल पिता शंभु सिसोदिया निवासी बागदरी था। वह बिजली विभाग में आउटसोर्स मीटर रीडर के पद पर शिवना डीसी में काम करता था। घटना वाले दिन वह परमिट लेकर बिजली बंद करवा कर छैडीया में बिजली पोल पर काम कर रहा था। इसी दौरान सप्लाई शुरू कर दी गई। इससे रामलाल को करंट का जोरदार झटका लगा और वह जमीन पर आ गिरा। इसके बाद करंट लगने से वह वहां छटपटाता रहा, लेकिन उसे साथी कर्मचारी अस्पताल तक भी नहीं लेकर गए। समय पर उपचार नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई। यही नहीं, परिजनों का आरोप है कि विभाग द्वारा परिजनों को बगैर सूचना दिए मृतक का पीएम कराया गया।
बता दें कि, परिजनों के साथ जयस संगठन के पदाधिकारियों ने चैनपुर थाने पर विद्युत विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए विद्युत कर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर बीती रात भी धरना प्रदर्शन किया था। यहां अधिकारियों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से नाराज परिजन आज शव लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इधर आउटसोर्स कर्मचारी की मौत के मामले में जिला कलेक्टर ने एक लाख रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता के साथ ही 15 हजार रुपये अंत्येष्टि के लिए नकद राशि उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही अपर कलेक्टर रेखा राठौर और डिप्टी कलेक्टर हेमलता सोलंकी से परिजन की अन्य मांगों पर भी सहमति बनने के बाद परिजनों ने धरना खत्म कर दिया। इसके बाद करीब चार घण्टे से बन्द इस मार्ग पर आवाजाही शुरू हो सकी।
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