मध्यप्रदेश के खालवा थाना क्षेत्र में बीते दिनों एक आदिवासी महिला के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म और बर्बरता के मामले में विपक्ष अब तक हमलावर है। इसी बीच बुधवार को झाबुआ से विधायक एवं आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भी पीड़ित परिवार से मिलने उनके गांव पहुंचे थे।
उन्होंने महिला के परिजनों की कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से फोन पर चर्चा कराई। राहुल गांधी ने भी महिला के पुत्र से चर्चा के दौरान पूरी घटना ध्यान से सुनी। इसके बाद परिवार को जरूरी मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया गया। इसके बाद जिला मुख्यालय पहुंचे विक्रांत भूरिया ने मीडिया से चर्चा के दौरान भाजपा सहित मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम के पास मुख्यमंत्री पद के साथ ही गृहमंत्री का पद भी है। इसके बावजूद प्रदेश के कानून व्यवस्था की हालात बदतर हैं। यहां महिलाओं से रेप के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह सिर्फ एक खंडवा की घटना नहीं बल्कि इस घटना से पूरा देश शर्मसार है।
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सीएम के पास समय नहीं, महिला आयोग किधर है
खंडवा जिले की रोशनी पुलिस चौकी क्षेत्र की घटना के बाद बुधवार को खंडवा पहुंचे आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, इतनी बर्बर घटना के बावजूद प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास इस घटना पर बोलने का समय तक नहीं है। जबकि दिल्ली में बैठकर मध्य प्रदेश के खंडवा के आदिवासी परिवार से राहुल गांधी चर्चा कर लेते हैं। अब महिला आयोग कहां है और वह क्यों दिल्ली की निर्भया की तरह हुई इस घटना पर संज्ञान नहीं ले रहा है। यहां सरकार घटना पर पर्दा डालने की बजाय पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए। यह घटना शराब के नशे में हुई। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में धड़ल्ले से शराब का धंधा चल रहा है। धार्मिक नगरी में तो सरकार ने शराब प्रतिबंधित कर दी, लेकिन अभी भी आदिवासी क्षेत्रों में शराब खुलेआम बेची जा रही है। प्रदेश में अपराधियों के मन से डर खत्म हो गया है। मध्यप्रदेश में आदिवासी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।
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लोकसभा और विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
विक्रांत भूरिया ने कहा कि, अगर प्रदेश में विकास हुआ है तो वह जमीन पर दिखना चाहिए। उस पीड़ित आदिवासी के घर पर छत तक नहीं है। वहां कम से कम टीन शेड तो सरकार लगवाए। उस परिवार को 25 लाख का सरकारी सहायता और सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। उसका मुकदमा फास्ट्रेक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए और आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। इस घटना से मानवता तो शर्मसार हुई ही है, बल्कि पूरा देश शर्मसार हुआ है। देश की संसद में इसे राहुल गांधी और विधानसभा में वे स्वयं इस मुद्दे को उठाएंगे और उस महिला को न्याय दिलाएंगे। आदिवासियों के हितों के लिए, और उन पर हो रहे किसी भी प्रकार के अत्याचार के लिए राहुल गांधी हमेशा उनके साथ खड़े हैं, और उनके लिए लड़ते रहेंगे।