मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के मालखेड़ा ग्रामीण क्षेत्र के करीब 20 से अधिक मजदूर और उनके बच्चों को बंधक बनाकर मजदूरी कराए जाने का मामला सामने आया है। इन मजदूरों और उनके ट्रैक्टरों को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में गन्ना कटाई के नाम पर ले जाया गया था। जहां इन्हें बगैर मजदूरी दिए कमरों में बंद कर कर रखा जाने लगा। जब यह मजदूर वहां से आने की बात करते तो, उनके साथ जमकर मारपीट की जाती। यही नहीं, इनमें से एक दंपति जब इस मारपीट से छूट कर भागने लगे, तो उन्हें गन्ना ठेकेदार ने गाड़ी से कुचल कर मारने की भी कोशिश की। इस दौरान करीब चार माह बाद मजदूरों को बड़वाह के एक सामाजिक कार्यकर्ता एवं खरगोन जिला प्रशासन की मदद से वापस लाया जा सका है। इधर वापस लौटे मजदूरों ने ठेकेदार से उपचार में खर्च हुई राशि की भरपाई सहित, उस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मजदूरों को छुड़ाने की इस तरह हुई शुरुआत
मामले में मजदूरों को बंधन मुक्त करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अंतिम सिटोले ने बताया कि जिन मजदूरों को छुड़ाया गया है, ये सभी खरगोन के मालखेड़ा क्षेत्र के रहने वाले हैं। इन मजदूरों ने यहां के उनके एक परिचित नानू भाई को फोन कर अपनी पीड़ा बताई थी कि सोलापुर जिले का एक ठेकेदार इन्हें बंधक बनाकर रखा है। साथ ही इनके दो ट्रैक्टर पर भी उसने कब्जा कर रखा है। इन सब को छोड़ने के एवज में इन गरीब मजदूरों से 13 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। अगर यह मजदूर घर जाने की बात करते हैं तो उनके साथ मारपीट की जा रही है। इस मामले में मजदूरों के साथ मारपीट के फोटो और वीडियो मुझे दिखाए गए। जिस पर गुरुवार को जिला कलेक्टर को इन्हें छुड़ाने का एक आवेदन दिया गया था। कलेक्टर ने भी आवेदन देख तुरंत ही श्रम विभाग के अधिकारियों को इन्हें छुड़ाने के निर्देश दिए। जिस पर यहां से कागजी कार्रवाई तुरंत ही पूरी की गई।
फैक्ट्री के भीतर कमरे में बंद मिले मजदूर
सिटोले ने बताया कि जब यहां के दस्तावेज महाराष्ट्र पुलिस को दिखाए, तब उन्होंने भी तुरंत एक्शन लेते हुए हमारे साथ टीम को रवाना किया। जहां पहुंचने पर पहले तो फैक्ट्री मालिक ने मजदूर होने से ही इनकार कर दिया, लेकिन जब महाराष्ट्र पुलिस ने सख्ती की, और खुद फैक्ट्री के गेट खोलकर तलाशी ली तब ये मजदूर कमरे में बंद मिले। जिन्हें पुलिस ने वहां से मुक्त कराया। यह लोग दशहरे के करीब यहां से ले जाए गए थे, जिनकी अब तक मजदूरी की रकम ही करीब 37 लाख रुपए बनी थी। इसमें से करीब 23 लाख 55 हजार अभी इनका बकाया फैक्ट्री मालिक पर निकल रहा है। इसके उलट फैक्ट्री मालिक इनसे ही 13 लाख रुपए मांग रहा था। तभी इन्हें जाने देने और इनके ट्रैक्टर छोड़ने की बात कह रहा था।
मारपीट से छूटकर भागे तो गाड़ी से कुचला
अंतिम सिटोले ने बताया कि जब किसी तरह से कोशिश करके छिपते छिपाते इनमें से एक मजदूर दंपति ने वहां से भागने की कोशिश की, तब उनके साथ जमकर मारपीट की गई। इसके बावजूद भी यह लोग जब वहां से छूट कर भागने लगे तो इन्हें उस ठेकेदार ने अपने फोर व्हीलर वाहन से पीछे से टक्कर मार दी। इससे उनकी हड्डी फ्रैक्चर हुई है, और महिला को भी करीब 10 से अधिक टांके आए हैं। इसलिए हमारी मांग है कि इनका अस्पताल का जो खर्चा हुआ है उसकी पूर्ति की जाए। साथ ही ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई की जाए, क्योंकि वह हमारे वापस आते समय भी डॉक्टर को धमका रहा था कि, इन्हें हमारे सुपुर्द कर दो हम इन्हें मार के फेंक देंगे।