भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया और खंडवा जिले के ओंकारेश्वर क्षेत्र में एशिया की पहली फ्लोटिंग सोलर परियोजना, ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट, का वर्चुअली उद्घाटन किया। साथ ही, खंडवा जिले में 1031.25 लाख रुपये की लागत से बनने वाले 27 अटल ग्राम भवनों का भूमिपूजन भी किया। जिला स्तरीय कार्यक्रम ग्राम एखण्ड में आयोजित हुआ, जिसमें सांसद ज्ञानेश्वर पाटील, मांधाता विधायक नारायण पटेल समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए।
यह परियोजना देश की सबसे बड़ी फ्लोटिंग पीवी प्लांट और दुनिया के प्रमुख फ्लोटिंग सोलर इंस्टालेशन में से एक है। परियोजना के पहले चरण में तीन कंपनियों ने 278 मेगावाट क्षमता के साथ हरित ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ कर दिया है। एनएचडीसी ने 88 मेगावाट, एएमपी एनर्जी ने 100 मेगावाट, और एसजेवीएन ने 90 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू किया है। इससे मध्यप्रदेश को सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली मिलने लगी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट गैर-पारंपरिक ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसमें यह परियोजना एक महत्वपूर्ण कदम है। खंडवा जिले के पुनासा ब्लॉक स्थित ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में यह परियोजना स्थापित की गई है।
परियोजना की विशेषताएं और लाभ
- सस्ती और प्रदूषण मुक्त बिजली: परियोजना से निमाड़ क्षेत्र और मध्यप्रदेश के अन्य हिस्सों में सस्ती बिजली मिलेगी।
- 14 लाख यूनिट दैनिक उत्पादन: इस प्लांट से प्रतिदिन 14 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है।
- स्थानीय विकास: परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार और नई तकनीकों की जानकारी मिली है।
- पर्यटन केंद्र का विकास: इसे भविष्य में पर्यटन केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने इसे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में मील का पत्थर बताया और कहा कि परियोजना पूर्ण होने पर यह विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट में से एक होगी। 1700 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना से मध्यप्रदेश के किसानों और आम जनता को बड़ा लाभ मिलेगा।