मंदसौर में वृद्धा की हत्या कर अफीम का पात्र लूटने के मामले में पुलिस अभिरक्षा से गुजरात में फरार हुए चावली के भाजपा नेता दशरथ पिता ओमप्रकाश जाट को पुलिस ने करीब एक वर्ष बाद महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जिस हथकड़ी के साथ वह फरार हुआ वह हथकड़ी पुलिस बरामद नही कर पाई है न ही उससे सख्ती से पूछताछ कर पाई। गिरफ्तारी के बाद उसे नारायणगढ़ कोर्ट में पेश किया। जिसे जेल भेजने के आदेश हुए।
वृद्धा की हत्या के मामले में हुआ था गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार 27-28 मार्च 2024 को पिपलियामंडी थाना क्षेत्र के गांव लसुड़िया राठौर में वृद्ध महिला चंद्रकुंवर (65) पति समन्दरसिंह राजपूत की हत्या कर अफीम का पात्र लूट लिया था। मामले में पिपलिया पुलिस ने चावली निवासी दशरथ पिता ओमप्रकाश जाट व इसके तीन साथियों को 4 अप्रेल 2024 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद आरोपी को मंदसौर जेल भेज दिया था। हत्याकांड के मामले में दशरथ जाट की गिरफ्तारी हुई तो पता चला कि आरोपी के खिलाफ राजस्थान चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा थाना एवं गुजरात पंचमहल जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र में भी एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण दर्ज थे, लेकिन आरोपी फरार होकर पिपलियामंडी क्षेत्र में ही तस्करी कर रहा था।
मंत्रियों सहित कई नेताओें से थे संपर्क
जानकारी के अनुसार दशरथ भाजपा की राजनीति में सक्रिय था। वहीं इसके मंत्रियों, विधायकों व भाजपा नेताओं से अच्छे संबंध थे, जिसके वह फोटो भी अक्सर सोशल मीडिया पर शेयर करता था। इस कारण पुलिस उसे राजस्थान व गुजरात के एनडीपीएस एक्ट में फरार होने के बाद भी गिरफ्तार नही कर रही थी।
हथकड़ी सहित हुआ था फरार
हत्याकांड के बाद दशरथ जेल में बंद था। जिसे मंदसौर से एएसआई नरेन्द्र पंवार, आरक्षक सुनील यादव, मधुसूदन चौहान व शिवनारायण माली 18 जून 2024 को गुजरात के हलोल में एनडीपीएस एक्ट के प्रकरण में पेशी पर ले गए थे। इसके बाद पुलिस टीम उसे पावागढ़ माताजी मंदिर पर दर्शन कराने ले गई थी। रोपवे में बैठने के दौरान वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। मामले में एएसआई व तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।
खुद को बताया था निर्दोष
फरारी के दौरान दशरथ जाट ने तीन अलग-अलग वीडियो भी उसकी फेसबुक आईडी से अपलोड किए थे। 23 जून 2024 व 15 अक्टूबर 2024 को फेसबुक पर अपलोड वीडियो में उसने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा था कि पुलिस लाखों रुपए की डील कर रही थी। रुपए नही दिए तो मुझे झूठे केस में फसा दिया। जबकि असली हत्यारा फरार है। गुरुवार को गिरफ्तारी के दौरान भी दशरथ ने खुद को निर्दोष ही बताया है।
आरोपी फरार चल रहा था, जिसे पुलिस नही पकड़ पा रही थी। इसके बाद मंदसौर एसपी ने आरोपी दशरथ पर 10 हजार रुपए का इनाम उद्घोषित कर दिया था। फरारी के दौरान आरोपी कुछ समय गुजरात में रहा। उसके बाद वह राजस्थान रहा और फिर महाराष्ट्र चला गया। ताकि पुलिस उसकी लोकेशन पता नही लगा सके।
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सफेमा की कार्रवाई भी की
हत्याकांड में फरार चल रहे दशरथ पर एनडीपीएस एक्ट के तहत भी केस दर्ज थे। इस आधार पर स्थानीय पुलिस ने दशरथ के खिलाफ सफेमा की कार्रवाई का प्रकरण भी तैयार किया। पिपलियामंडी पुलिस ने आरोपी व इसके रिश्तेदारों की 19 करोड़ की सम्पत्ति फ्रीजिंग करने के लिए प्रकरण तैयार कर मुम्बई सफेमा कोर्ट में पेश किया था। 25 मई 2025 को फ्रीजिंग के आदेश भी जारी हुए थे।
दाढ़ी बढ़ाकर कर रहा था मजदूरी
पुलिस ने फरार दशरथ को महाराष्ट्र के बलारसा जिले से गिरफ्तार किया। वहां आरोपी दाढ़ी बढ़ाकर पाइप लाइन डालने की मजदूरी कर रहा था। पुलिस के अनुसार तकनीकी साधनों से जानकारी एकत्र कर पुलिस आरोपी तक पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया।
कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा
पिपलियामंडी टीआई विक्रमसिंह इवने ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को आरोपी को नारायणगढ़ कोर्ट में पेश किया। जिले जेल भेजने के आदेश हुए है। वहीं जिस हथकड़ी के साथ वह फरार हुआ था वह बरामद नही हो पाई है।