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Rajgarh News: Action against child labor in Rajgarh, case registered against three shops
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Rajgarh News: दुकानों पर काम कर रहे थे नाबालिग, पहुंच गई श्रम विभाग की टीम, तीन पर मामला दर्ज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: राजगढ़ ब्यूरो Updated Sat, 21 Dec 2024 09:43 AM IST
राजगढ़ जिला मुख्यालय में शुक्रवार को तीन दुकानों पर बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई की गई। बाल श्रम अधिनियम के तहत गठित टास्क फोर्स ने कार्रवाई करते हुए बाल श्रमिकों को मुक्त कराया।
बता दें देश के कानून के हिसाब से छोटे और नाबालिग बच्चों से काम कराना कानूनन अपराध है, इसके बावजूद व्यापारी वर्ग अपने फायदे के लिए कम मेहनताने में बच्चों को अपने प्रतिष्ठान में कम पर रखते हैं और उनसे काम लेते हैं। ऐसा ही काम राजगढ़ में भी हो रहा था, जहां बाल श्रमिकों से प्रतिष्ठानों पर काम कराया जा रहा था। इसकी शिकायत अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी व चाइल्ड लाइन को लगातार मिल रही थी, जिसके तहत शुक्रवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
अहिंसा वेलफेयर सोसाइटी के सदस्य मनीष दांगी ने बताया कि टीम ने पूर्व में प्राप्त सूचना और निरीक्षण के आधार पर तीनों दुकानों पर कार्रवाई की। इस दौरान बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन करते हुए नाबालिग बच्चों को काम करते हुए पाया गया। तीनों दुकानों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की गई और प्रकरण दर्ज किया गया।
बाल श्रम अधिनियम के प्रावधान
बाल श्रम अधिनियम 1986 की धारा 3 के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी कार्य में नियोजित करना या करना पूर्णतः प्रतिबंधित है। वहीं, धारा 3 'क' के अंतर्गत 14 से 18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक कार्यों में नियोजित करना कानूनन अपराध है। अधिनियम अंतर्गत दोषी पाए जाने पर 20 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना और दो साल तक की सजा का प्रावधान है। ये कार्रवाई बाल श्रम उन्मूलन के प्रति प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं की सख्त प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस अभियान के तहत श्रम निरीक्षक मनोज चौहान, महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी विक्रम सिंह ठाकुर, विशेष किशोर पुलिस इकाई के अधिकारी रमेश चंद भिलाला, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी और जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन की सदस्य रजनी प्रजापति और निकिता मेवाड़े शामिल रहे हैं।
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