रीवा में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। टीम ने मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी (MPEB) रीवा के कनिष्ठ यंत्री किशोर त्रिपाठी को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस मामले में लोकायुक्त ने कंपनी के दो अन्य कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया है।
जानकारी के अनुसार, आरोपी कर्मचारियों ने सोलर सिस्टम लगाने वाले संविदाकार लकी दुबे से भुगतान की राशि जारी करने के एवज में 18,000 की रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदारी कार्य करने वाले लकी दुबे ने इस अवैध मांग से परेशान होकर लोकायुक्त रीवा कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच के बाद टीम ने योजना बनाकर ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया।
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सुबह तय समय पर जब किशोर त्रिपाठी ने शिकायतकर्ता से 10,000 की रिश्वत की राशि ली, तभी लोकायुक्त पुलिस ने मौके पर दबिश दी और उसे रिश्वत की रकम सहित रंगे हाथ पकड़ लिया। उसके साथ मौजूद दो अन्य कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया। कार्रवाई लोकायुक्त निरीक्षक के नेतृत्व में की गई, जिसमें रीवा लोकायुक्त की विशेष टीम शामिल रही।
अचानक हुई इस कार्रवाई से MPEB कार्यालय में हड़कंप मच गया। कई अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई के दौरान मौके से गायब हो गए। टीम ने मौके से रिश्वत की रकम जब्त कर ली है। फिलहाल तीनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। लोकायुक्त जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस पूरे भ्रष्टाचार के जाल में और कौन-कौन कर्मचारी शामिल हैं।
लोकायुक्त सूत्रों ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने रिश्वत की मांग को लेकर आंशिक स्वीकारोक्ति दी है। लोकायुक्त निरीक्षक ने कहा, “जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि रिश्वत मांगता है, तो लोकायुक्त से बेझिझक संपर्क करें। भ्रष्टाचार के खिलाफ यह मुहिम लगातार जारी रहेगी।”