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Sagar Amidst claims of development here cot is made into stretcher when needed four shoulders become ambulance
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Sagar News: विकास के दावों के बीच जरूरत पर यहां खटिया बनती है स्ट्रेचर, चार कंधे बनते हैं एंबुलेंस
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: सागर ब्यूरो Updated Wed, 11 Sep 2024 07:42 PM IST
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21वीं सदी में विकास के तमाम दावों के बीच कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ जाता है, जो विकास के दावों की कलई खोल हकीकत बयां कर ही देता है। प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के अनेक ग्रामीण इलाके आज भी मूलभूत सुविधाओं से मरहूम हैं और यहां के निवासी जैसे-तैसे अपना जीवन गुजार रहे हैं।
विकास की एक तस्वीर हम आपको बता रहे सागर जिले देवरी विकासखंड के ग्राम घुघरी से, जहां एक किलोमीटर का पूरा रास्ता दलदली होने के कारण बीमार और इलाज की दरकार वाले लोगों का एक मात्र सहारा खटिया रहती है। ऐसे ही एक मामले में गांव की एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए खटिया पर गांव की सड़क तक लाते समय रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया। महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। क्योंकि दलदली रास्ते के कारण आदिवासी टोला तक एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी।
महिला के पति तेजराम आदिवासी ने बताया कि ग्राम घुघरी के आदिवासी टोला में 10-12 परिवार सरकारी पट्टे की भूमि पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर निवास करते आ रहे हैं। घुघरी गांव से आदिवासी टोला को जोड़ने वाला रास्ता दलदली है। रास्ते पर एक दबंग व्यक्ति द्वारा कब्जा कर लिया है और फसल बो रखी है, जिससे लोगों को पैदल निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
सरकारी रास्ते पर अतिक्रमण होने के कारण यहां कोई भी वाहन नहीं पहुंच पाते हैं। डिलीवरी के समय यहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी। तेजराम ठाकुर ने बताया कि उनकी पत्नी माया को डिलीवरी के लिए अस्पताल लाने के लिए खटिया पर रखकर निकले तेज बारिश होने के कारण कीचड़ भरे रास्ते से आधा किलोमीटर पहुंचने पर रास्ते में ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और गांव की महिलाओं को बुलाकर डिलीवरी करना पड़ी। इसके बाद मां और नवजात बच्चे को गांव की सड़क तक खटिया से ले जाना पड़ा। वहां से एक निजी वाहन से देवरी पहुंचे, जहां जच्चा-बच्चा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।
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