लोकायुक्त रीवा की टीम ने धनपुरी नगरपालिका में एक बड़ी कार्रवाई के तहत सहायक उप निरीक्षक राजस्व (एएसआई) इंद्र बहादुर सिंह उर्फ आईबी सिंह को तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत वार्ड नंबर 2 निवासी योगेंद्र वर्मा से भवन निर्माण की स्वीकृति दिलाने के लिए मांगी गई थी। इंद्र बहादुर पहली किस्त ले चुका था, दूसरी किस्त लेते ट्रैप हुआ है।
एएसआई ने योगेंद्र वर्मा से शुरुआत में 10 हजार रुपए की मांग की थी, लेकिन मोलभाव के बाद राशि पांच हजार रुपए तय हुई। पीड़ित ने पहले ही दो हजार रुपए की पहली किस्त दे दी थी और शेष तीन हजार रुपए देते समय लोकायुक्त रीवा टीम ने जाल बिछाकर एएसआई को पकड़ लिया।
रीवा लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने धनपुरी नगरपालिका परिसर में दबिश दी और मौके से रिश्वत की रकम बरामद की। इस कार्रवाई के बाद नगरपालिका परिसर में हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में नगरपालिका का स्थायी कर्मचारी रज्जन चौधरी भी एएसआई के साथ शामिल था। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है, और आगे की पूछताछ जारी है।
धनपुरी नगरपालिका में रिश्वतखोरी की लंबी परंपरा रही है, जहां नागरिकों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी रिश्वत देने की आवश्यकता होती थी। इस संबंध में योगेंद्र वर्मा ने कहा कि मैंने तो अपनी मेहनत की कमाई से घर बनाने के लिए स्वीकृति मांगी थी, लेकिन रिश्वत मांगने का यह मामला बेहद गंभीर है। मुझे उम्मीद है कि इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार में कमी आएगी। इस कार्रवाई के दौरान नगरपालिका धनपुरी कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया, और कई कर्मचारी अचानक गायब हो गए।
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