मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा स्कूल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नित नए प्रयास किए जा रहे हैं, जिसकी खातिर शासन स्तर पर स्कूल चले हम अभियान के साथ ही सब पढ़े सब बढ़े योजना का संचालन किया जा रहा है। मगर इन योजनाओं के चलने के बावजूद आज शिक्षा का स्तर लगातार गिरता ही जा रहा है और उसमें पलीता लगाने का काम कोई और नहीं, बल्कि बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने का बीड़ा उठाने वाले शिक्षक ही लगाते जा रहे हैं। ताजा मामला जिले के जवा क्षेत्र से आया है, जहां बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले अध्यापक स्वयं ही अनुशासनहीनता की हदें पार करते हुए विद्यालय प्रांगड़ में भ्रमण करते हुए नजर आए हैं तथा अध्यापक महोदय ने विद्यालय को मदिरापान का अड्डा बना लिया था।
विद्यालय में भी मदिरापान करके ही पहुंचते हैं और झूमते हुए वो स्कूल के मासूम बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि जवा क्षेत्र में स्थित एक शासकीय पाठशाला में तैनात अध्यापक महोदय का इसी तरह वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह झूमते हुए विद्यालय प्रांगड़ में विचरण करते हुए दिखाई दिए हैं।
दरअसल, जिले के जवा विकास खंड से शिक्षा जगत को शर्मसार करती एक तस्वीर सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में शासकीय हाईस्कूल के एक शिक्षक शराब के नशे में धुत होकर स्कूल परिसर में ही इधर से उधर लड़खड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब मास्टर साहब नशे की हालत में लड़खड़ाते हुए स्कूल पहुंचे हो। इसके पूर्व में भी मास्टर साहब की हरकते सामने आ चुकी है।
बीते दिनों ही मास्टर साहब शराब के नशे में स्कूल पहुंचे थे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ था। ताजा वीडियो बीते शनिवार का है। शिकायत के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने संकुल प्राचार्य को जांच के लिए भेजा था। मगर जांच के दौरान भी मास्टर साहब नशे में चूर नजर आए। संकुल प्राचार्य से जब बदतमीजी करने लगे तो वह अपना आपा खो बैठे और डंडे से पिटाई कर दी, जिसका वीडियो लोगों ने बनाकर वायरल कर दिया।
यह पूरा मामला रीवा के जवा में स्थित विद्यालय का है। जहां शिक्षक मुन्नालाल कोल मदिरापान के बड़े शौकीन हैं, जिसके कारण वह सुबह, दोपहर, शाम और रात चारों पहर शराब के नशे में झूमते हुए भ्रमण करते हैं। ऐसे में सुबह बच्चों को पढ़ाने की ड्यूटी भी उन्हें नशे में चूर होकर ही निभानी पड़ती, जिसकी शिकायत भी कई बार ग्रामीण जनों ने वरिष्ठ कार्यालयों में की थी और अब वीडियो वायरल होने के बाद वह सबके नजर में आ गए हैं।
अब सवाल यह उठता है कि इस तरह से ही अगर अन्य शिक्षक भी विद्यालय में मदिरापान करके पहुंचे तो बच्चों का भविष्य किस तरह से सुरक्षित हो सकेगा। जबकि शासन स्तर पर लगातार शिक्षा को लेकर अलख जगाई जा रही है। सब पढ़े और सब बढ़े जैसी सरकार योजनाएं कैसे क्रियान्वित हो पाएंगी।