मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी ओरछा एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चर्चा का केंद्र बनी, जब यहां स्थित प्राचीन महादेव मंदिर में एक विदेशी जोड़े ने पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह रचाया। इटली मूल के चीरो और फ्रांस की रहने वाली ओद्रा ने वैदिक मंत्रोच्चार, अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर भारतीय परंपरा में बंधने का संकल्प लिया। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था, बल्कि भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकार्यता का जीवंत उदाहरण भी बना।
ओरछा तहसील के बेत्र बेश्वर महादेव मंदिर परिसर में विवाह के दौरान वैदिक विधि-विधान के अनुसार सभी संस्कार संपन्न हुए। स्थानीय पंडितों द्वारा मंत्रोच्चार, जयमाला, हवन और फेरे की रस्में कराई गईं। मंदिर परिसर “हर-हर महादेव” के जयघोष और वेद मंत्रों से गूंज उठा। विदेशी जोड़े ने पूरी श्रद्धा के साथ सभी रस्मों का पालन किया, जिससे मौजूद श्रद्धालु और स्थानीय लोग भाव-विभोर हो उठे।
ओद्रा वर्षों से योग, ध्यान और भारतीय अध्यात्म का गहन अध्ययन करती रही हैं। भारतीय दर्शन, सनातन परंपरा और जीवन मूल्यों से प्रभावित होकर उन्होंने विवाह जैसे पवित्र बंधन को भी हिंदू विधि से संपन्न करने का निर्णय लिया। वहीं, चीरो भी भारतीय संस्कृति और योग दर्शन के प्रशंसक हैं। दोनों की मुलाकात फ्रांस में हुई थी, लेकिन विवाह के लिए उन्होंने भारत की पावन भूमि और ओरछा जैसे ऐतिहासिक-आध्यात्मिक स्थल को चुना।
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विवाह समारोह के दौरान मंदिर परिसर में मौजूद स्थानीय लोगों ने इस अनोखे दृश्य को बड़े उत्साह और गर्व के साथ देखा। कई लोगों ने कहा कि विदेशी होकर भी यह जोड़ा भारतीय संस्कृति और परंपराओं को पूरे मन से अपना रहा है, जो हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। मंदिर समिति और स्थानीय नागरिकों ने नवविवाहित जोड़े को शुभकामनाएँ दीं।
वर्तमान में चीरो और ओद्रा स्पेन में रहते हैं और विवाह के बाद वे वहीं लौटेंगे। हालांकि, ओरछा की पवित्र धरती, महादेव का आशीर्वाद, मंदिर की आध्यात्मिक शांति और हिंदू विवाह संस्कारों की स्मृतियां वे अपने साथ जीवन भर संजोकर ले जाएंगे। यह विवाह ओरछा की सांस्कृतिक गरिमा और भारतीय परंपराओं की वैश्विक पहचान को और मजबूत करने वाला क्षण बन गया।