शिप्रा नदी में पुलिसकर्मियों की कार गिरने के बाद से लगातार आरक्षक आरती की तलाश की जा रही थी। करीब 65 घंटे बाद आरती का शव बड़े पुल से 70 मीटर दूर मिला। शव कार में फंसा हुआ था और कार कीचड़ में धंसी हुई थी। आरती की खोज के लिए सोनार डिटेक्शन उपकरण का उपयोग किया गया था। क्रेन के जरिए कार को नदी से बाहर निकाला गया। इसके बाद कटर के जरिए कार के हिस्सों को काटा गया। इसके बाद आरती के शव को बाहर निकाला जा सका। गोताखोर इरफान ने पुलिस से 15 मिनट का समय लिया था। इसके बाद अपने अंदाज से जहां कार गिरी थी, वहीं से गाड़ी की सर्चिग शुरु की थी।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि शिप्रा नदी के बड़े पुल के नीचे से 70 मीटर दूरी पर महिला आरक्षक आरती पाल की कार कीचड़ में धंसी मिली। बेटी के शव मिलने की सूचना आरती के पिता को दी गई। वो भी मौके पर पहुंच गए। उनके सामने सारी कार्रवाई की गई। वे बार-बार बेसुध हो रहे थे।
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स्थानीय गोताखोर ने खोजा
शनिवार की रात को लगभग 9 बजे बड़े पुल से कार नीचे गिरी थी। नदी में अधिक पानी होने के कारण कार और उसमें सवार लोगों का पता नहीं लग पा रहा था। पुलिस के सर्चिंग अभियान के दौरान टीआई अशोक शर्मा का शव रविवार और एसआई मदनलाल निनामा का शव सोमवार को मिला था। इसके बाद गोताखोरों की टीम की तीसरी साथी महिला आरक्षक आरती पाल की तलाश में जुटी रही। इसके बाद स्थानीय गोताखोर मोहम्मद इरफान ने मंगलवार को कार को खोज निकाला।
60 से 70 मीटर की दूरी पर ही कार और महिला का शव खोजा गया
गोताखोर मोहम्मद इरफान ने जिस स्थान पर कार गिरी थी, उसी स्थान पर सर्चिंग शुरू की थी। उसने 60 से 70 मीटर की दूरी पर ही कार और महिला आरक्षक का शव खोज निकाला। एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि पहली प्राथमिकता बॉडी को सुरक्षित बाहर निकालना था। गोताखोर इरफान ने कहा कि, चार दिन से गाड़ी की सर्चिग चल रही थी। उसने पुलिस से 15 मिनट का समय लिया था। इसके बाद अपने अंदाज से जहां कार गिरी थी, वहीं से गाड़ी की सर्चिग शुरु की थी।
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आई परेशानी....
एनडीआरएफ की टीम डीप डाइविंग के साथ-साथ वेल ट्रेंड स्विमर्स, रोप, चार बोट, 8 ऑक्सीजन सिलेंडर, एयर पम्प, लाइफ जैकेट के साथ सर्चिंग में जुटी थी। तेज बहाव, मिट्टी और गंदगी के कारण पानी के नीचे विजिबिलिटी नहीं थी जिससे गोताखोरों को कार तक पहुंचने में काफी दिक्कत हो रही थी।