सिंहस्थ 2028 का अनुभव श्रद्धालुओं के लिए भव्य और दिव्य बनाने के लिए और मां शिप्रा को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का काम किया जा रहा है। कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने योजनांतर्गत निर्माणाधीन चिंतामण जवासिया स्थित सॉफ्ट 2 में उतरकर टनल निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। निरीक्षण कर कलेक्टर सिंह ने कार्य की प्रगति लक्ष्यनुसार करने, कार्य में गुणवत्ता और मापदंडों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। कलेक्टर सिंह ने डक्ट से नीचे उतरकर टनल के अंदर जाकर टनल निर्माण कार्य का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर सिंह ने स्ट्रेटा क्लासीफिकेशन के अनुसार टनल का कार्य करने और सभी कार्यों में सुरक्षा का विशेष ध्यान देने के निर्देश जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए। इस दौरान कलेक्टर को बताया गया कि टनल में पानी निकालने और एयर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। अभी तक लगभग 3.45 किमी टनल निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है उसमें आधुनिक तकनीकी का उपयोग किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री मयंक सिंह और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। याद रहे कि इस योजना का कार्य मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के विज़न अनुरूप चल रहा है। जो आने वाले समय में उपयोगी साबित होगी।
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विश्व की पहली परियोजना
मध्यप्रदेश सरकार की ओर से लगभग 700 करोड़ रुपए की लागत से एक नई योजना शुरू की गई है, जिससे प्रदूषित जल को क्षिप्रा नदी में मिलने से रोका जा सके। अभी तक ये दूषित पानी क्षिप्रा नदी में मिल रहा था, जिससे नदी दूषित हो रही थी। लेकिन इस योजना से जमीन के भीतर करीब 100 फीट गहराई में बनाई जा रही इस टनल की मदद से कान्ह के दूषित पानी की अंडरग्राउंड निकासी की जाएगी। 12 किलोमीटर लंबी इस टनल की विशेषता यह है कि इस टनल के उपर किसान कृषि कार्य जारी रख सकेंगे। कान्ह के इस दूषित पानी को ट्रीट कर साफ करके गंभीर नदी के निचले हिस्से में छोड़ा जाएगा जो खेती के लिए सिंचाई के उपयोग में आएगा। संभवत ये विश्व की पहली इस तरह की योजना है जिसमें जमीन के भीतर दूषित पानी को डायवर्ट कर उसका उपयोग भी किया जाएगा। भविष्य में इसी प्रकार सूखी और बरसाती नदियों का संयोजन कराया जाएगा।
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