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Jabalpur: आरक्षित वर्ग को नए नियम के तहत प्रमोशन नहीं, राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में पेश की गई जानकारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर Published by: जबलपुर ब्यूरो Updated Mon, 07 Jul 2025 09:37 PM IST
सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग दी गई है कि आरक्षित शासकीय कर्मचारियों को नए नियम के तहत प्रमोशन प्रदान करने के आदेश नहीं जारी किए हैं। हाईकोर्ट में नए तथा पुराने नियम एक सामान्य होने को चुनौती देते हुए तीन याचिकाएं दायर की गई थीं। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सक्सेना तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ को सरकार की तरफ से पेश की गई अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड में लेते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता भोपाल निवासी वेटनरी डॉक्टर स्वाति तिवारी व अन्य सहित दायर तीन याचिकाओं में कहा गया था कि आरक्षित वर्ग को नियम 2025 के तहत प्रमोशन में आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। साल 2025 में बनाए गए नए नियम तथा साल 2022 के नियमों को कोई अंतर नहीं है। याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क किया गया था कि प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में यथास्थिति की बात कही थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने संशोधित नियम 2025 के तहत प्रमोशन के आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया था। इस संबंध में प्रदेश सरकार के तरफ से गजट नोटिफिकेशन भी दायर किया गया था। याचिका में कहा गया था कि नए तथा पुराने नियम एक समान हैं।
याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम नटराजन तथा जरनैल सिंह मामले में पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा गया था कि आरक्षित वर्ग को प्रमोशन प्रदान करना चाहिए, जब उनके का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं हो। इसके अलावा उनके प्रमोशन से किसी प्रकार की प्रशासनिक बाधा उत्पन्न नहीं हो। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य मामले में आदेश दिए हैं कि एससी-एसटी वर्ग के क्रीमीलेयर वाले कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण नहीं प्रदान किया जाए।
सरकार के पास आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों के प्रतिनिधित्व का डाटा उपलब्ध नहीं है। क्रीमीलेयर में आने वाले एससी-एसटी वर्ग को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है। याचिका की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता की तरफ से सरकार द्वारा आरक्षण प्रदान करते हुए कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिए जाने के संबंध में अंडरटेकिंग दी गई। युगलपीठ ने प्रदेश सरकार सहित अन्य अनावेदकों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 15 जुलाई को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह तथा अधिवक्ता सुयश मोहन गुरू ने पैरवी की।
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