ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर मे श्रावण-भाद्रपद मास की दर्शन व्यवस्था लगभग तय हो गई है। मंदिर में कहां से श्रद्धालुओं के सामान्य, शीघ्र दर्शन होंगे तथा कांवड़ यात्रियों के लिए कहां से प्रवेश होगा ऐसे सवालों के साथ ही श्रावण सोमवार व अन्य दिनों पर भस्म आरती का समय क्या होगा, कांवड़ यात्री किस गेट से बाबा महाकाल को जल चढ़ा पाएंगे, कहां पेयजल की व्यवस्था होगी....कहा जूता स्टैंड बनाया जाएगा। आपके ऐसे ही सभी सवालों के जवाब इस समाचार से आपको मिल जाएंगे।
किन भक्तों को कहां से मिलेगा प्रवेश
सामान्य दर्शनार्थी: आम भक्तों को श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से श्रद्धालु मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से महाकाल टनल के रास्ते मंदिर परिसर से होते हुए कार्तिकेय व गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे। पश्चात निर्माल्य द्वार तथा नए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे। श्रद्धालुओं हेतु जल अर्पण की व्यवस्था श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप और कार्तिकेय मंडपम में जलपात्र के माध्यम से रहेगी।
शीघ्र दर्शन: भगवान महाकाल के शीघ्र व सुविधाजन दर्शन के लिए 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले दर्शनार्थियों को गेट नं. 1 तथा 4 से प्रवेश मिलेगा।
सोमवार को 12 से 4 बजे तक चार नंबर गेट रहेगा बंद
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश गेट क्रमांक चार को श्रावण-भादो महीने के सोमवार को दोपहर मे बंद रखा जाएगा। प्रति सोमवार को सवारी निकलने तक दोपहर 12 से सांय 4 बजे तक चार नंबर गेट से प्रवेश बंद रखा जाएगा। इस दिन टिकट वाले श्रद्धालुओं को भी एक नंबर गेट से ही प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह बड़ा गणेश मंदिर के सामने अतिक्रमण को लेकर अब यहां नगर निगम, पुलिस और मंदिर कर्मचारियों की टीम को स्थाई रूप से बैठाया जाएगा। जिससे सड़क के दोनों ओर दुकानें लगाकर अतिक्रमण नही हो सके।
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भस्म आरती पर मंदिर के पट खुलने का समय
श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 11 जुलाई से 18 अगस्त तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 19 अगस्त से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिये चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी।
कावड़ यात्रियों की व्यवस्था
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादौ मास में अत्यधिक संख्या में कावड़ यात्री बाबा महाकाल को जल अर्पण करने हेतु पधारते हैं। श्रावण मास में आगन्तुक कावड़ यात्रियों के जल अर्पण की व्यवस्था कावड़ यात्रियों को अनुमति उपरांत मंगलवार से शुक्रवार द्वार क्रमांक 4 से प्रवेश की व्यवस्था निर्धारित रहेगी। शनिवार, रविवार व सोमवार को आने वाले कावड़ यात्रियों को सामान्य दर्शनार्थियों की तरह निर्धारित मार्ग से प्रवेश रहेगा। सम्पूर्ण सवारी मार्ग पर सी.सी.टी.व्ही., पी.ए. सिस्टम, बेरिकेटिंग, सफाई व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, जल की व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था व अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। सवारी के दौरान शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये जिला प्रशासन से कार्यपालिक दण्डाधिकारियों को पाबन्द किया जायेगा।
दर्शनार्थियों के जूता स्टैंड की व्यवस्था
बड़ा गणेश मन्दिर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये बड़ा गणेश मन्दिर के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी। इसी तरह त्रिवेणी द्वार की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये मानसरोवर भवन के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी। भारत माता मन्दिर की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिये प्रशासनिक कार्यालय के समीप जूता स्टेण्ड की व्यवस्था रहेगी। प्रत्येक जूता स्टैण्ड के साथ जिला चिकित्सालय की चिकित्सा टीम उपस्थित रहेगी।
चांदी की नई पालकी में सवार होंगे बाबा महाकाल
अवंतिकानाथ के नगर भ्रमण में कुल 7 दिन का समय शेष है। इसलिए मंदिर प्रशासन व जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। करीब डेढ़ दशक बाद भगवान महाकाल चांदी की नई पालकी में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। मंदिर प्रशासन सवारी मार्ग पर खड़े लाखोंं भक्तों को भगवान महाकाल के सुविधा से दर्शन कराने की तैयारी कर रहा है।
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फूलों की सजावट का रखेंगे विशेष ध्यान
उपप्रशासक एसएन सोनी ने बताया पालकी लगातार एक समान ऊंचाई पर चलती रहे, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। फूलों से होने वाली पालकी की सजावट पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। सजावट इस प्रकार होगी कि पालकी के दोनों ओर फूलों की लड़ी ना लटके, इससे दर्शन में बाधा उत्पन्न होती है। बता दें शनिवार को सवारी में शामिल की जाने वाली भगवान महाकाल की नई चांदी की पालकी की पहली तस्वीर सामने आई, पालकी को लेकर ट्रायल भी किया जा रहा है।
शहनाई गेट के सामने नया सीसी रोड
श्रावण-भाद्रपद मास के प्रत्येक सोमवार पर निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी की शुरुआत सभा मंडप में भगवान महाकाल के रजत मुखारविंद की पूजन के साथ होती है। इसके बाद बाबा की पालकी मंदिर परिसर से होते हुए शहनाई गेट के रास्ते मंदिर से बाहर निकलती है। यहां सशस्त्र बल की टुकड़ी भगवान को गार्ड ऑफ आनर देती है। इसके बाद सवारी शिप्रा तट की ओर रवाना होती है। बीते दो साल से निर्माण कार्य के चलते यहां व्यवस्था में परेशानी आ रही थी। इस बार नए सीमेंट क्रांक्रीट का मार्ग तैयार किया जा रहा है। इसी मार्ग से होकर भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। राजा के स्वागत में नए मार्ग पर रेड कारपेट बिछाया जाएगा।