अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में इस वर्ष उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर एक अनूठा और प्रेरणादायक जल योग किया जा रहा है। यह पहल योग को एक नये आयाम में प्रस्तुत कर रही है, जहां बच्चे पानी के भीतर विभिन्न योगासन और मुद्राएं प्रदर्शित करेंगे।
मां शिप्रा तैराक दल के सचिव संतोष सोलंकी ने बताया कि योग दिवस की तैयारी जोरों पर है, जिसमें तैराकी सीख चुके बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है। आपने बताया कि जल में योग का अभ्यास न केवल अधिक चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को भी बढ़ाता है। बच्चों को एक-दूसरे के ऊपर खड़ा करके या बिठाकर, पिरामिड जैसी रचनात्मक आकृतियां बनाकर योगासन मुद्राएं करवाई जा रही हैं। यह पहल बच्चों के लिए एक रोमांचक और यादगार अनुभव साबित हो रही है, जिससे उन्हें लग रहा है कि वे कुछ नया और विशेष कर रहे हैं। योग दिवस पर 6 साल की उम्र से लेकर 19 साल तक के युवा शामिल हो रहे हैं।
ये भी पढ़ें-
जलसंरचना बचाने जुटेंगी देश की 200 से अधिक प्रमुख हस्तियां, सीएम मोहन यादव करेंगे सदानीरा समागम का उद्घाटन
प्रत्येक आयु वर्ग के बच्चों की क्षमताओं के अनुसार उन्हें अलग-अलग योगासन सिखाए जा रहे हैं, ताकि हर बच्चा सहज महसूस करे और योग का पूरा आनंद ले सके। संतोष सोलंकी का कहना है कि लोग जमीन पर योग का अभ्यास करते हैं, लेकिन जल में योग करना एक अनूठी कला है और इसे शिप्रा के पावन तट पर प्रस्तुत करना एक विशेष महत्व रखता है। यह आयोजन निश्चित रूप से उज्जैन को योग मानचित्र पर एक विशेष पहचान दिलाएगा और दूसरों को भी जल योग के अनूठे लाभों से अवगत कराएगा। यह अभिनव प्रयास न केवल योग के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा बल्कि शिप्रा नदी के महत्व को भी रेखांकित करेगा, इसे एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में प्रस्तुत करेगा। सभी शहरवासी और आगंतुक इस अनूठे जल योग प्रदर्शन को देखने के लिए उत्सुक हैं।