ईरान-इजराइल युद्ध के तनावपूर्ण माहौल के बीच कतर की राजधानी दोहा में फंसी उज्जैन की मनीषा भटनागर बुधवार शाम को सकुशल अपने घर लौट आईं। मनीषा के लौटने पर अभिषेक नगर स्थित उनके घर में खुशी का माहौल रहा। परिजनों ने तिलक कर आरती उतारते हुए बहू और बेटे का स्वागत किया।
परिवार के अनुसार, मनीषा की सुरक्षित वापसी के लिए उनके परिजनों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से संपर्क कर मदद की गुहार लगाई थी। इसके बाद सरकार ने त्वरित पहल करते हुए मनीषा को भारत लौटाने में सहयोग किया।
कतर एयरवेज में सीनियर केबिन क्रू हैं मनीषा
मनीषा भटनागर कतर एयरवेज में सीनियर केबिन क्रू के पद पर कार्यरत हैं और पिछले तीन वर्षों से दोहा में रह रही थीं। ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष के दौरान जब ईरान ने मिसाइल दागी, तो दोहा में भी तनावपूर्ण हालात बन गए थे। सोमवार देर रात मनीषा से परिवार की बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने डर और घबराहट भरे हालात बयां किए। इसके बाद परिजनों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर दिए।
मनीषा के पति रजत भटनागर, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री, गृह मंत्री, भारतीय दूतावास, कतर दूतावास, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) समेत कई उच्च अधिकारियों को ईमेल भेजकर मदद की अपील की थी।
मिसाइल की आवाज से सहमी थीं मनीषा
मीडिया से बातचीत में मनीषा ने बताया कि कतर में माहौल काफी तनावपूर्ण था। मिसाइल हमलों की आवाजें सुनकर मन में डर बैठ गया था। ऐसा लगता था कि अगली मिसाइल कहीं हमारे ऊपर ही न आ जाए। हमें ग्राउंड फ्लोर पर सामान सहित बैठने को कहा गया था। हर धमाके पर मैं कांप जाती थी। मेरे पापा हार्ट पेशेंट हैं, इसलिए मैंने उनसे बात नहीं की, बल्कि अपने पति और भाई को फोन किया। उन्होंने ही मेरी मदद के लिए प्रयास किए।
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सरकार के प्रयासों से लौट पाई सकुशल
मनीषा ने अपनी सुरक्षित वापसी पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का धन्यवाद देते हुए कहा, “सरकार के प्रयासों के कारण ही मैं आज सुरक्षित अपने घर लौट सकी हूं। यह सबकुछ मेरे परिवार के लगातार प्रयास और सरकार की तत्परता के कारण संभव हो पाया।”
परिवार में खुशी का माहौल
मनीषा के लौटने की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में रिश्तेदार और मोहल्लेवासी उनसे मिलने पहुंचे। सास ने पारंपरिक तिलक और आरती से उनका स्वागत किया। पूरे परिवार में खुशी का माहौल रहा।