आदिवासी बाहुल्य डिंडोरी जिले में नीलगिरी के पेड़ों की अवैध कटाई और तस्करी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। फिल्म 'पुष्पा' की तर्ज पर संचालित इस लकड़ी तस्करी के गोरखधंधे पर वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नीलगिरी से भरे चार ट्रकों को जब्त किया है। इस कार्रवाई के बाद जिले में लकड़ी तस्करों में हड़कंप मच गया है।
जानकारी के अनुसार, यह कार्रवाई जिला वन अधिकारी (DFO) पुनीत सोनकर के नेतृत्व में की गई। जैसे ही उन्हें तस्करी की सूचना मिली, उन्होंने समनापुर और गाड़ासरई वन परिक्षेत्र की टीमों को सक्रिय करते हुए मौके पर घेराबंदी करवाई। इसके बाद चारों ट्रकों को मौके पर जब्त किया गया।
वन विभाग के मुताबिक, जब्त ट्रकों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। तस्कर दिनदहाड़े ट्रकों में लकड़ी भरकर निर्भीकता से परिवहन कर रहे थे। इससे यह स्पष्ट है कि तस्करों के हौसले काफी बुलंद हैं और स्थानीय स्तर पर मिलीभगत की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
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डिंडोरी जिले में लंबे समय से नीलगिरी की अवैध कटाई और परिवहन की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस तस्करी में न केवल स्थानीय, बल्कि अंतर्राज्यीय गिरोह भी सक्रिय हैं, जो जंगलों से लकड़ी काटकर दूर-दराज के इलाकों में सप्लाई करते हैं। नीलगिरी की लकड़ी की ऊंची मांग और भारी मुनाफा इस अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहा है। हालांकि, वन विभाग तस्करी रोकने को लेकर गंभीर दिख रहा है, लेकिन विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठते रहे हैं। आरोप लगते हैं कि कुछ कर्मचारी तस्करों से मिले हुए हैं और कार्रवाई को जानबूझकर नजरअंदाज करते हैं।
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वर्तमान कार्रवाई पर DFO पुनीत सोनकर ने कहा कि नीलगिरी की अवैध तस्करी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की गतिविधियों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, चारों ट्रकों को जब्त कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।