कभी मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में घोटाले से सुर्खियों में रहा विदिशा जिला अब एक बार फिर बड़े भ्रष्टाचार के जाल में फंस गया है। इस बार निशाना बना गरीबों का हक और उनका राशन। जिला प्रशासन की जांच में सामने आया है कि कोरोना काल के दौरान पात्र परिवारों के नाम पर फर्जी एंट्री कर 16 करोड़ रुपये से अधिक का अनाज गबन कर लिया गया।
जांच रिपोर्ट के मुताबिक जिले की 390 दुकानों पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। नटेरन, सिरोंज, गंजबासौदा और लटेरी तहसीलों में सबसे ज्यादा गड़बड़ी पाई गई। जब देश महामारी से जूझ रहा था और सरकार गरीबों को मुफ्त राशन दे रही थी, तब कुछ संचालकों ने मृत लोगों, प्रवासी परिवारों और फर्जी नामों पर अनाज उठाकर गरीबों का हक निगल लिया। प्रशासन ने अब इन दुकानदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। 16.04 करोड़ रुपये की वसूली प्रक्रिया तेज कर दी गई है। सभी संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं।
जिले की तहसील और दुकानों की संख्यावसूली राशि
- नटेरन 86 दुकानें 4.52 करोड़ रुपए,
- सिरोंज 81 दुकानें 5.28 करोड़ रुपये
- गंजबासौदा 63 दुकानें 1.67 करोड़ रुपये
- कुरवाई 26 दुकानें 43 लाख रुपये
- विदिशा नगर 18 दुकानें 1.71 करोड़ रुपये
- विदिशा ग्रामीण 44 दुकानें 64 लाख रुपये
- लटेरी 61 दुकानें 1.51 करोड़ रुपये
- कुल 390 दुकानें 16.04 करोड़ रुपये
होगी कठोर कार्रवाई
जिला आपूर्ति अधिकारी अनिल तंतुवाय ने बताया कि अनियमितताओं की पुष्टि के बाद वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जो संचालक तय समय में राशि जमा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।