अलवर में भर्तृहरि मेले के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा एंबुलेंस चालकों से मारपीट के विरोध में 108 एंबुलेंस सेवा के ड्राइवर हड़ताल पर उतर आए हैं। बुधवार को अलवर और खैरथल जिले के सभी एंबुलेंस चालकों ने अपनी गाड़ियां भवानी तोप के पास खड़ी कर दीं और किसी भी इमरजेंसी केस को नहीं उठाया। इससे जिले की आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं और मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हॉर्न बजाने पर पुलिस ने की मारपीट
एंबुलेंस यूनियन के पूर्व जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह और चालक मुकेश यादव ने बताया कि 30 और 31 अगस्त को भर्तृहरि मेले में ड्यूटी के दौरान हॉर्न बजाने पर पुलिस ने चालक शीशराम और मुकेश यादव के साथ मारपीट की। एंबुलेंस चालकों का कहना है कि वे जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के आदेश पर मेले में ड्यूटी कर रहे थे ताकि श्रद्धालुओं को आपात स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके, लेकिन वहां मौजूद क्यूआरटी पुलिस टीम ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और मारपीट की।
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दोषियों के निलंबन तक हड़ताल जारी
एंबुलेंस चालकों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। यूनियन का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
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मरीजों की बढ़ी परेशानी
इस हड़ताल के चलते अलवर और खैरथल क्षेत्र की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। किसी भी दुर्घटना या आपात स्थिति में मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल रही। आमजन ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत समाधान निकाला जाए ताकि इलाज में देरी से किसी की जान पर न बन आए।