अलवर के सामान्य चिकित्सालय में मरीजों के लिए क्यूआर कोड से रजिस्ट्रेशन की नई व्यवस्था शुरू की गई है, लेकिन यह सुविधा लोगों के लिए राहत की बजाय परेशानी बनती जा रही है। अस्पताल में ना तो मरीजों को सही दिशा देने के लिए कोई कर्मचारी तैनात है, और ना ही क्यूआर कोड स्कैनिंग की सुविधा ठीक से काम कर रही है। स्कैनिंग में दिक्कत आने से मरीजों को काफी देर तक इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।
'एप डाउनलोड की दिक्कत'
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि पहले सीधी लाइन में लगकर रजिस्ट्रेशन करना आसान था, लेकिन अब क्यूआर कोड स्कैन करते समय कभी मोबाइल में एप डाउनलोड करने को कहा जाता है, तो कभी स्कैन ही नहीं होता। कुछ मरीजों के पास स्मार्टफोन ही नहीं होते, जिससे वे रजिस्ट्रेशन ही नहीं कर पाते। कई मरीजों को यह तक नहीं पता होता कि कौन सा ऐप डाउनलोड करना है।
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने मानी दिक्कत
अलवर के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने माना कि नई व्यवस्था में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए तकनीकी टीम को बुलाया गया है। डॉ. चौहान ने कहा कि गर्मी और मौसमी बीमारियों के चलते ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हर मरीज को यह समस्या नहीं हो रही, लेकिन जहां भी दिक्कत है, उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा।
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प्रमुख चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के लिए हमारी टीम काम कर रही है। जल्द ही यह प्रक्रिया मरीजों के लिए आसान और सुविधाजनक बना दी जाएगी।"