Alwar News: अलवर की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग को जोधपुर ले जाकर डेढ़ महीने तक बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के आरोपी सचिन को 20 साल कठोर कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। 21 गवाह और 34 दस्तावेजों के आधार पर फैसला सुनाया गया।
अलवर में पॉक्सो न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की को जबरन उठाकर जोधपुर ले जाने, वहां बंधक बनाने और लगातार दुष्कर्म करने के गंभीर मामले में आरोपी सचिन को 20 वर्ष के कठोर कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायाधीश जोगेंद्र अग्रवाल की अदालत ने यह फैसला सुनाया।
मामला दर्ज होने से लेकर गिरफ्तारी तक की पूरी घटना
घटना की शुरुआत 3 अगस्त 2024 को हुई जब नाबालिग के परिजनों ने अलवर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटी गायब है और आरोपी सचिन उसे भगा ले गया है। परिजनों ने संदेह जताया कि सचिन पीड़िता को लेकर कहीं दूर चला गया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू की और पता चला कि आरोपी पीड़िता को जोधपुर ले गया है।
जोधपुर में डेढ़ महीने तक बंधक रखा
पुलिस जांच में सामने आया कि सचिन ने नाबालिग को जोधपुर में किराए के मकान में रखा और करीब डेढ़ महीने तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उसने पीड़िता के साथ कई बार जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता की लगातार तलाश के बाद पुलिस ने उसे जोधपुर से सकुशल बरामद कर लिया और उसके बयान दर्ज किए। इसके तुरंत बाद आरोपी सचिन को गिरफ्तार कर लिया गया।
एक साल तक चली लंबी न्यायिक प्रक्रिया
मामला पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 में विचाराधीन रहा जहां करीब एक साल तक सुनवाई चली। अभियोजन पक्ष ने मजबूत पैरवी करते हुए 21 गवाहों के बयान कराए और 34 महत्वपूर्ण दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत किए। सभी साक्ष्यों और गवाहों की गवाही के बाद न्यायाधीश जोगेंद्र अग्रवाल ने आरोपी सचिन को सभी आरोपों में दोषी पाया।
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सजा और अर्थदंड का एलान
शुक्रवार शाम अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को पॉक्सो अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अर्थदंड की राशि पीड़िता के कल्याण के लिए उपयोग की जाए।