अलवर जिले के खैरथल-तिजारा क्षेत्र के हरसौली गांव स्थित एक सरकारी स्कूल में शनिवार को एक गंभीर हादसा हो गया। यहां लंच ब्रेक के दौरान स्कूल के जर्जर कमरे की छत अचानक भरभरा कर गिर पड़ी। इस हादसे में कक्षा तीन और चार में पढ़ने वाली तीन छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। छत की पट्टी उनके सिर और शरीर पर आ गिरी, जिससे एक छात्रा के सिर, आंख और हाथ में फ्रैक्चर हुआ है, जबकि दूसरी छात्रा के पैर में गंभीर चोटें आईं।
स्कूल प्रशासन पहले कर चुका था मरम्मत का आग्रह
घटना के बारे में जानकारी मिलते ही पूरे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई। घायल छात्राओं को स्कूल स्टाफ द्वारा तत्काल हरसौली अस्पताल ले जाया गया, जहां से दो गंभीर रूप से घायल छात्राओं पारुल और सानिया को अलवर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जबकि तीसरी छात्रा का खैरथल के सैटेलाइट अस्पताल में इलाज जारी है।
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स्कूल स्टाफ और परिजनों के मुताबिक यह हादसा तब हुआ, जब लंच ब्रेक के दौरान तीनों छात्राएं स्कूल के एक पुराने, बहुत समय से जर्जर हो चुके कमरे में खेल रही थीं। उसी समय छत की पट्टियां अचानक भरभरा कर गिर गईं। घटना के बाद शिक्षकों और अन्य स्टाफ के बीच हड़कंप मच गया।
परिजनों ने बताया कि छात्रा पारुल को सिर, आंख और हाथ में गहरी चोटें आई हैं और उसके हाथ में फ्रैक्चर की पुष्टि हुई है। वहीं, सानिया के पैर में गंभीर चोटें हैं और वह चलने में असमर्थ हो गई है। तीसरी छात्रा के होंठों पर गहरा घाव आया है।
मरम्मत की मांग को किया गया नजरअंदाज
स्कूल प्रशासन ने बताया कि इस कमरे की हालत बहुत खराब थी। उन्होंने इसकी मरम्मत के लिए कई बार उच्च अधिकारियों से आग्रह किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी लापरवाही का नतीजा अब तीन मासूम बच्चियों को भुगतना पड़ा है।
इस हादसे ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा कर दी है। ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि अगर समय रहते जर्जर भवन की मरम्मत कर दी जाती, तो यह घटना टाली जा सकती थी। घटना के बाद स्थानीय लोग और परिजन जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई और छात्राओं को समुचित मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, स्कूल प्रशासन भी इस मामले को लेकर प्रशासन से सख्त कदम उठाने की अपील कर रहा है।
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घायल बच्चियों का इलाज जारी, परिजन और ग्रामीण परेशान
फिलहाल पारुल और सानिया का इलाज अलवर के जिला अस्पताल में जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति स्थिर है लेकिन उन्हें कुछ समय तक निगरानी में रखा जाएगा। वहीं, तीसरी छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद खैरथल अस्पताल में रखा गया है।