अलवर जिले के भिवाड़ी फेज-III क्षेत्र में 14 वर्ष पुराने हत्या के एक मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक मुर्गी की मौत से शुरू हुए विवाद में वर्ष 2011 में फायरिंग हुई थी, जिसमें एक युवक की मौके पर ही हत्या कर दी गई थी। लंबे समय तक चली सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोषियों को आर्थिक दंड के साथ उम्रकैद की सजा देकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया है।
मुर्गी को लेकर हुए विवाद ने लिया हत्या का रूप
सरकारी अधिवक्ता योगेंद्र खटाना के अनुसार, वर्ष 2011 में मुर्गी की मौत को लेकर दो पक्षों के बीच झगड़ा हुआ था। विवाद बढ़ते-बढ़ते इतना गंभीर हो गया कि एक पक्ष ने फायरिंग कर दी। गोली लगने से एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। इस वारदात ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था और दोनों समुदायों में तनाव बढ़ गया था।
पांच लोगों पर दर्ज हुई थी एफआईआर, एक की मौत, एक अब भी फरार
घटना के बाद कुल पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। इनमें से एक आरोपी की बाद में मृत्यु हो गई, जबकि एक अन्य अभी भी फरार बताया जा रहा है। शेष तीन आरोपियों राजवीर, संजय और सुभाष के खिलाफ न्यायालय में विस्तृत सुनवाई चली। मामले में अभियोजन पक्ष ने 24 गवाहों के बयान दर्ज कराए, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपियों को दोषी माना।
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SC/ST कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
विशिष्ट न्यायाधीश अनीता सिंघल की अदालत ने तीनों दोषियों को आजीवन कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई। फैसले के बाद तीनों को पुलिस सुरक्षा में जेल भेज दिया गया। पीड़ित परिवार ने कोर्ट के निर्णय को देर से मिला लेकिन संतोषजनक न्याय कहा है।