बालोतरा जिले के पचपदरा क्षेत्र में स्थित रिफाइनरी परिसर में सुरक्षा एजेंसी से जुड़े कर्मचारियों और टाटा कंपनी के कर्मचारियों के बीच विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जानकारी के अनुसार, यह पूरा विवाद कुछ दिन पूर्व रिफाइनरी में तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड के साथ कथित मारपीट की घटना से जुड़ा हुआ है। इसी घटना की जांच के सिलसिले में सोमवार को पुलिस की टीम रिफाइनरी परिसर पहुंची थी। जांच की प्रक्रिया के दौरान ही हालात बिगड़ते चले गए।
जांच के दौरान लगे अभद्रता के आरोप, भड़के कर्मचारी
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जांच के दौरान सिक्योरिटी इंचार्ज पर कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप सामने आए। इन आरोपों से टाटा कंपनी के कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों का आरोप है कि जांच के नाम पर उनके साथ गलत भाषा और अनुचित व्यवहार किया गया, जिसे वे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसी नाराजगी के चलते कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। देखते ही देखते रिफाइनरी परिसर में हंगामा बढ़ गया और दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी। कुछ देर के लिए हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि किसी अप्रिय घटना की आशंका पैदा हो गई।
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स्थिति बिगड़ने पर पुलिस और STF को बुलाना पड़ा
तनाव की गंभीरता को भांपते हुए पचपदरा थाना प्रभारी के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया। एहतियातन विशेष कार्य बल (STF) की टीम को भी रिफाइनरी परिसर में तैनात किया गया। पुलिस और STF ने तुरंत मोर्चा संभालते हुए दोनों पक्षों को अलग-अलग कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों से शांतिपूर्वक बातचीत कर उन्हें समझाइश दी और किसी भी तरह के टकराव से बचने की अपील की। पुलिस की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से हालात धीरे-धीरे सामान्य हो सके।
निष्पक्ष जांच का भरोसा, सुरक्षा बढ़ाई गई
पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सिक्योरिटी गार्ड से मारपीट और सिक्योरिटी इंचार्ज पर लगे अभद्र व्यवहार के आरोपों की निष्पक्ष और गंभीरता से जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल रिफाइनरी परिसर में स्थिति पूरी तरह सामान्य बताई जा रही है, लेकिन किसी भी संभावित विवाद को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ निगरानी भी बढ़ा दी गई है, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
औद्योगिक सुरक्षा और कार्यस्थल व्यवहार पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर बड़े औद्योगिक परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था, कर्मचारियों के साथ व्यवहार और जांच प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे जांच में पूरा सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन सम्मान और गरिमा के साथ। पुलिस और प्रशासन का दावा है कि पूरे मामले को संवेदनशीलता के साथ सुलझाया जा रहा है और सभी पक्षों की बात सुनकर निष्पक्ष निर्णय लिया जाएगा।