देवझूलनी एकादशी के पर्व पर बुधवार को श्रद्धा, आस्था व भक्ति की त्रिवेणी प्रवाहित हुई। शहर के देवालयों से राम रेवाड़ियां निकाली गईं। शोभायात्रा परंपरागत मार्ग से राज तालाब पहुंची। पवित्र स्नान, पूजन-अर्चन के बाद रेवाड़ियां रात्रि तक निज मंदिर पहुंचीं। शोभायात्रा में विभिन्न अखाड़ों के पहलवानों ने करतब दिखाकर रोमांचित कर दिया।
ये भी पढ़ें: Rajasthan Assembly: आज फिर हंगामें के असार, किसानों को लेकर कांग्रेस विधानसभा पर करेगी प्रदर्शन
बुधवार दोपहर बाद ढोल-नगाड़ों के साथ विभिन्न स्थानों से अखाड़े निकले। आजाद चौक में पहुंचने के बाद एक-एक कर अखाड़े आगे बढ़े, वहीं देवालयों से एक-एक कर भजन-कीर्तन के साथ रामरेवाड़ियां निकलनी आरंभ हुईं। यह सदर बाजार, पीपली चौक, धनलक्ष्मी मार्केट, दर्जीवाड़ा, नागरवाड़ा, भैरव चौक, तेलियों की पीपली, पृथ्वीगंज होते हुए राजतालाब पहुंचीं। इसमें श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए चल रहे थे। श्रद्धालुओं ने फल, फूल सहित अन्य सामग्री अर्पित कर सुख-समृद्धि की मनोकामना की। राज तालाब में देव प्रतिमाओं के पवित्र स्नान के बाद राम रेवड़ियां रात साढ़े 10 से निज मंदिर पहुंचना शुरू हुईं।
शोभायात्रा में शहर के विभिन्न अखाड़ों के पहलवानों ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर रोमांचित किया। मुंह से आग उगलने, आग के गोले में कूद, आग के बीच से निकलने आदि प्रस्तुति देकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को विवश कर दिया। युवाओं व पहलवानों ने मुद्दर, तलवार, झांझर, लाठी, चकरी घुमाने आदि प्रदर्शन से अचंभित किया। अपराह्न बाद 4 बजे बारिश होने से पहलवानों का उत्साह भी बढ़ गया।
जलझूलनी एकादशी पर बांसवाड़ा में निकाली गई शोभायात्रा। - फोटो : credit