'एक देश-एक चुनाव' की अवधारणा को मूर्त रूप देने की दिशा में राजस्थान सरकार तेजी से काम कर रही है। इसी क्रम में जहां पांच माह पूर्व नगर निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी, वहीं अब पंचायतीराज संस्थाओं के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य आगामी नवम्बर माह तक राज्य में नगर निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराना है।
इसी के तहत बांसवाड़ा जिले में भी नई पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के गठन को लेकर प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। जिला कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव की ओर से पंचायतीराज अधिनियम के तहत इन प्रस्तावों का ड्राफ्ट जारी किया गया है। ड्राफ्ट में जिले में पांच नई पंचायत समितियों आंबापुरा, सरेड़ी बड़ी, जौलाना, डूंगरा छोटा और नाहरपुरा का गठन प्रस्तावित है। इन नए प्रस्तावों के साथ जिले में पंचायत समितियों की कुल संख्या बढ़कर 18 हो जाएगी।
ग्राम पंचायतों के स्तर पर भी बड़े बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। फिलहाल जिले में 417 ग्राम पंचायतें हैं, जिन्हें बढ़ाकर 561 किया जाएगा। इसके लिए 146 नई ग्राम पंचायतों के गठन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि, निकाय परिसीमन के तहत ठीकरिया और लोधा ग्राम पंचायतों को बांसवाड़ा नगर परिषद में शामिल कर लिया गया है।
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प्रस्ताव के अनुसार, आंबापुरा पंचायत समिति में 25, जौलाना में 20, सरेड़ी बड़ी में 23, डूंगरा छोटा में 25 और नाहरपुरा में 31 ग्राम पंचायतों को शामिल करने की योजना है। इन नई पंचायत समितियों के गठन के साथ ही वर्तमान बांसवाड़ा, तलवाड़ा, गढ़ी, अरथूना, आनंदपुरी और सज्जनगढ़ पंचायत समितियों का पुनर्सीमांकन भी किया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अभिषेक गोयल ने जानकारी दी कि इन प्रस्तावों पर आमजन की आपत्तियां 6 मई तक आमंत्रित की जाएंगी। प्राप्त आपत्तियों का निस्तारण 7 से 13 मई तक किया जाएगा। इसके बाद 14 से 20 मई के बीच संशोधित प्रस्ताव पंचायतीराज विभाग को भेजे जाएंगे। विभागीय स्तर पर 21 मई से 4 जून के बीच अंतिम निर्णय लिया जाएगा। 4 जून तक ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2019 में हुए परिसीमन के दौरान जिले में पंचायत समितियों की संख्या 11 से बढ़ाकर 13 की गई थी और 68 नई ग्राम पंचायतों का गठन किया गया था।