जिले की शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के रायला कस्बे में जनता कॉलोनी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय का एक कक्षा-कक्ष मंगलवार सुबह अचानक तेज धमाके के साथ जमींदोज हो गया। घटना के समय स्कूल में 73 बच्चे मौजूद थे, लेकिन गनीमत रही कि जिस कक्ष का मलबा गिरा, उसे पहले ही अधिकारियों ने सील कर दिया था। यही सतर्कता मासूम बच्चों की जान बचाने में सहायक साबित हुई और बड़ा हादसा टल गया।
ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ के अनुसार विद्यालय का यह भवन लंबे समय से जर्जर हालत में था। दीवारों में दरारें थीं और छत भी काफी कमजोर हो गई थी। प्रधानाध्यापक एहसान अली ने बताया कि विद्यालय के पीछे लंबे समय से पानी भरने की समस्या बनी हुई थी, जिससे नींव कमजोर हो गई थी। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को कई बार दी गई थी।
कुछ दिन पहले बनेड़ा उपखंड अधिकारी श्रीकांत व्यास और शिक्षा विभाग की टीम ने विद्यालय का निरीक्षण किया था। निरीक्षण में भवन की स्थिति बेहद खतरनाक पाई गई, जिसके बाद संबंधित कक्ष को लॉक कर सील कर दिया गया और बच्चों की पढ़ाई खुले मैदान में शुरू करवा दी गई। अधिकारियों का यही फैसला मंगलवार को बच्चों की सुरक्षा के लिए जीवनदायी साबित हुआ।
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सुबह करीब 9 बजे जब विद्यालय में कक्षाएं चल रही थीं, अचानक एक कमरे की छत और दीवारें जोरदार धमाके के साथ गिर पड़ीं। आवाज सुनकर बच्चे घबरा गए और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। कुछ ही देर में अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए। राहत की बात यह रही कि सील किया गया कक्ष खाली था और वहां किसी का आना-जाना नहीं होता था।
ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति की शिकायतें लंबे समय से की जा रही थीं, लेकिन हर बार मामला अनदेखा होता रहा। यदि समय रहते कदम नहीं उठाए जाते तो मंगलवार को कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
स्कूल का कमरा गिरने के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों ने चिंता जताई कि बच्चों को खुले मैदान में लंबे समय तक पढ़ाना संभव नहीं है। बरसात और गर्मी के दिनों में यह स्थिति और कठिन हो जाएगी। उन्होंने प्रशासन से विद्यालय भवन का जल्द पुनर्निर्माण कराने की मांग की।