भीलवाड़ा जिले में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश अब लोगों के लिए आफत बनकर टूट रही है। बुधवार को भारी वर्षा के कारण जिले के तीन अलग-अलग इलाकों में दर्दनाक हादसे हुए, जिनमें तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अधेड़ व्यक्ति की तलाश अब भी जारी है।
पहली घटना काछोला थाना क्षेत्र के ककरोलिया घाटी मार्ग की है, जहां चोहली गांव के पास बनी पुलिया पर बारिश के बाद करीब तीन फीट तक पानी बहने लगा। इसी दौरान माइंस में मजदूरी करने वाले शंकर (55) पुत्र प्रताप भील, काम से लौटते वक्त तेज बहाव में बह गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शंकर ने करीब आधे घंटे तक बबूल की टहनी पकड़कर खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन समय पर प्रशासन की मदद नहीं मिलने के कारण वह बह गया। प्रशासन द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन 15 घंटे बीत जाने के बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग पाया है।
दूसरी घटना नगर परिषद भीलवाड़ा क्षेत्र की है, जहां देर रात बारिश के दौरान शास्त्री नगर के पास नाले को पार करने की कोशिश करते समय नगर निगम का सफाईकर्मी शिवचरण गौरण बह गया। गुरुवार सुबह एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर शिवचरण का शव नाले से बरामद किया। शव नाले में अटका हुआ था, जिसे निकालकर महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
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तीसरी दुखद घटना बड़लियास थाना क्षेत्र के बरूंदनी गांव में हुई, जहां 45 वर्षीय किसान गोपाल पुत्र भवना कुमावत खेत में काम करने के बाद बारिश के बीच घर लौट रहा था। बस स्टैंड के पास तेज बहाव में बहकर वह पास के तालाब में जा गिरा। ग्रामीणों की मदद से उसकी तलाश की गई और देर शाम उसका शव बरामद हुआ। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इन घटनाओं ने एक बार फिर मानसून के दौरान सुरक्षा व्यवस्थाओं और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन समय पर मदद भेजता, तो एक जान बचाई जा सकती थी।
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भीलवाड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और बहते पानी के पास जाने से बचें और आवश्यक सावधानी बरतें। वहीं, एसडीआरएफ और पुलिस टीमें अलर्ट पर हैं और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।