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Bhilwara: शाहपुरा जिला बचाने के आंदोलन पर विधायक के खिलाफ अभिभाषक संस्था की नाराजगी, 28 जनवरी को होगा महापड़ाव
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भीलवाड़ा Published by: भीलवाड़ा ब्यूरो Updated Thu, 23 Jan 2025 10:48 PM IST
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शाहपुरा जिला बचाने के लिए पिछले 22 दिनों से चल रहे संघर्ष को लेकर स्थानीय विधायक डॉ. लालाराम बैरवा द्वारा दिए गए बयान पर अभिभाषक संस्था और जिला बचाओ संघर्ष समिति ने कड़ी आपत्ति जताई है। संघर्ष समिति के सदस्य और अधिवक्ताओं ने एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर विधायक के बयान का खंडन करते हुए कहा कि विधायक अपने अहंकार में मदहोश होकर आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिवक्ता संस्था के अध्यक्ष दुर्गालाल राजौरा, संघर्ष समिति के संयोजक रामप्रसाद जाट, वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिलोकचंद नौलखा और अनिल शर्मा ने विधायक के बयान को पूरी तरह से गलत और भ्रमित करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि विधायक शाहपुरा की जनता को गुमराह कर केवल अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि असली संघर्ष तो जनता के हित में चल रहा है।
अधिवक्ताओं ने पत्रकार वार्ता में यह भी बताया कि विधायक द्वारा जारी किए गए वीडियो बयान में आंदोलन को दिशाहीन बताया गया है, जोकि अत्यंत अशोभनीय है। उन्होंने कहा कि 28 दिसंबर को राज्य सरकार द्वारा जिला समाप्त करने का आदेश जारी होने के बाद से विधायक ने न तो संघर्ष समिति से कोई संवाद किया और न ही इस मुद्दे पर कोई वार्ता की। इसके बजाय, विधायक ने संघर्ष समिति को आंदोलन न करने की सलाह दी थी, जो उनके उदासीन रवैये को दर्शाता है।
संघर्ष समिति ने यह भी आरोप लगाया कि विधायक ने जनता को गलत तथ्यों से गुमराह करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन राजनीति से प्रेरित नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह से एक जन आंदोलन है, जिसे सभी समाज, सामाजिक संगठनों और आम जनता ने मिलकर चलाया है।
अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि शाहपुरा के विकास के लिए विधायक ने पिछले एक वर्ष में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। न ही शाहपुरा में कोई विकास कार्य हुए हैं। संघर्ष समिति और सामाजिक संगठनों द्वारा गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन विधायक के दबाव के बावजूद आंदोलन रुकेगा नहीं।
संघर्ष समिति ने शाहपुरा की जनता से अपील की है कि वे विधायक के बयान को नजरअंदाज करें और 28 जनवरी को शाहपुरा में होने वाली महापड़ाव, आक्रोश रैली और सभा में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें। समिति ने यह भी घोषणा की है कि 28 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा, शहर के बाजार बंद रहेंगे और एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लगभग 5 हजार लोग भाग लेंगे।
इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी रैली में भाग लेने के लिए टेंपो और कार द्वारा संपर्क अभियान चलाया जाएगा। संघर्ष समिति के पदाधिकारी जिले की जनता से संपर्क कर उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। संघर्ष समिति का कहना है कि यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक शाहपुरा को जिला नहीं बनाया जाता और इस क्षेत्र के विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते।
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