झालावाड़ के पीपलोदी स्कूल हादसे में मृतक बच्चों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर 15 दिन से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अनशन कर रहे नरेश मीणा ने शुक्रवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। अनशन खत्म करने के बाद वे समर्थकों के साथ शहीद स्मारक पहुंचे, जहां भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए।
गुरुवार देर रात उनके समर्थकों ने जयपुर की सड़कों पर मशाल जुलूस निकालकर अनशन खत्म करने की मांग की थी। इसके बाद शुक्रवार को मीणा ने अस्पताल में भर्ती पूर्व मंत्री भरतसिंह कुंदनपुर के आग्रह पर जूस पीकर अनशन तोड़ा। कुंदनपुर ने भावुक अपील करते हुए कहा कि “राजस्थान को तुम्हारी ज़रूरत है”, जिसके बाद मीणा ने उनके शब्दों का सम्मान करते हुए अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया।
अनशन तोड़ते हुए नरेश मीणा ने कहा कि वे खाली हाथ नहीं लौटेंगे। उन्होंने दावा किया कि हादसे के पीड़ित परिवारों को अब तक 80 लाख रुपए की सहायता राशि मिल चुकी है। इसे उन्होंने जनता के विश्वास और एकता की ताकत बताया। मीणा ने कहा, “यह संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। सरकार ने 15 दिन तक अनशन के बावजूद पीड़ित परिवारों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया। मैं दोबारा सरकार के दरवाजे पर आऊंगा और समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए भगत सिंह की सेना लेकर लौटूंगा।”
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उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है, बल्कि न्याय और जवाबदेही के लिए है। नरेश मीणा ने समर्थकों का आभार जताते हुए कहा कि राजस्थान की वीर भूमि की जनता ने उनका साथ दिया, यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इस बीच राजनीतिक गलियारों में मीणा के इस कदम को लेकर हलचल मच गई है। माना जा रहा है कि सरकार पर दबाव और बढ़ सकता है क्योंकि उन्होंने संकेत दिया है कि यह लड़ाई लंबी चलेगी और न्याय की मांग को और मजबूत किया जाएगा।