डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने शनिवार को जोधपुर-भीलड़ी रेल मार्ग का विंडो ट्रेलिंग निरीक्षण करते हुए सुरक्षित एवं संरक्षित रेल संचालन से जुड़े सभी मानकों की गहन जांच की। इसके साथ ही उन्होंने इस रेलखंड के समदड़ी-भीलड़ी रेलवे स्टेशनों के मध्य स्थित जालौर और भीनमाल रेलवे स्टेशनों के अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत चल रहे पुनर्विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लिया तथा इस हेतु निर्धारित गुणवत्ता के उच्च मानकों के अनुरूप कार्य निष्पादन के निर्देश दिए।
सुबह जोधपुर से प्रमुख शाखाधिकारियों के साथ रवाना हुए डीआरएम ने मार्ग के लूनी, समदड़ी, मोकलसर, जालौर, मोदरान, मारवाड़ भीनमाल व रानीवाड़ा रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का गहन निरीक्षण किया तथा रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा मानकों और सेफ्टी से जुड़े कर्मचारियों कार्य दक्षता की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर उच्च स्तर की यात्री सुविधाओं, शीतल पेयजल और उच्च क्वालिटी की खाद्य वस्तुओं की सहज उपलब्धता पर विशेष जोर दिया तथा इसके लिए संबद्ध अधिकारियों को लगातार मोनिटरिंग करने के सख्त निर्देश दिए।
डीआरएम का पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार जोधपुर-भीलड़ी रेल मार्ग के स्टेशनों के निरीक्षण दौरे के तहत लूनी, समदड़ी, मोदरान, जालौर, मारवाड़ भीनमाल, रानीवाड़ा, धनेरा, ओढ़वा स्टेशनों पर स्थानीय नागरिको व स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की ओर से उनका गर्मजोशी से स्वागत कर यात्री सुविधाओं तथा ट्रेनों के संचालन से संबंधित समस्यों के ज्ञापन सौंपकर उनके त्वरित निस्तारण की मांग की।
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प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया और एफओबी जांचे
कड़ी धूप के बावजूद डीआरएम त्रिपाठी ने रेलवे अधिकारियों की टीम के साथ रास्ते के प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया और फुट ओवर ब्रिज की जांच की। इस दौरान उन्होंने जालौर और भीनमाल में अधिकारियों को दो टूक कहा कि पुनर्विकास के चल रहे कार्यों के दौरान यात्री सुविधाओं में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आनी चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से बैठने की व्यवस्था, पेयजल, वाटर कूलर, पंखे, शौचालय, साफ-सफाई और ट्रेन उद्घोषणा प्रणाली को दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग के दोहरीकरण की स्थिति जांची
एक दिन के निरीक्षण दौरे पर जोधपुर डीआरएम ने हाल ही में प्रारंभ किए गए लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलखंड के दोहरीकरण कार्य का जायजा लिया। 273 किमी लंबे इस रेलमार्ग पर चार फेज में दोहरीकरण कार्य होना है, जिसमें से तीन फेज में कार्य प्रारंभ हो चुका है।