केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि राष्ट्रविरोधी तत्वों को देश में कहीं भी छिपने नहीं दिया जाएगा। जोधपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) द्वारा कई जिलों में छापामारी कर पांच संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी केंद्र सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार आंतरिक और सीमाई सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। शेखावत ने स्पष्ट कहा कि जो भी व्यक्ति या संगठन देश की सुरक्षा से छेड़छाड़ करेगा, उसे खोजकर कानून के सामने लाया जाएगा और सख्त सजा दी जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में पकड़े गए नेटवर्क्स का पर्दाफाश करने में लगे अधिकारियों ने राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति अपनी निष्ठा साबित की है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
यूनेस्को की सूची में शामिल हुआ लखनऊ, पाककला में विश्व पहचान
शेखावत ने बताया कि यूनेस्को ने अपनी ‘क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क 2025’ सूची में लखनऊ को पाककला (गैस्ट्रोनॉमी) श्रेणी में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि लखनवी भोजन, पारंपरिक पाककला, स्थानीय मसालों और सामग्री के उपयोग ने इसे वैश्विक पहचान दिलाई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस उपलब्धि से न केवल लखनऊ की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी, बल्कि इससे पर्यटन, स्थानीय उद्योग और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि लखनवी व्यंजन अब विश्व पर्यटन के मानचित्र पर अपनी पहचान बनाएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और जीडीपी को सीधा लाभ मिलेगा।
‘भारत बना सांस्कृतिक नेतृत्व का केंद्र, काशी से शुरू हुई विश्व पहल’
शेखावत ने कहा कि भारत ने अब संस्कृति को वैश्विक विकास एजेंडे का हिस्सा बना दिया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काशी में आयोजित संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन में लिए गए निर्णय जिन्हें अब ‘काशी कल्चर पाथवे’ के नाम से जाना जाता है, विश्व स्तर पर नीतिगत बदलाव का आधार बन रहे हैं। भारत ने अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान संस्कृति को ‘नए विकास लक्ष्यों’ (New Development Goals) में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बाद में ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने भी आगे बढ़ाया। शेखावत ने कहा कि आने वाले समय में जब नए वैश्विक विकास लक्ष्य तय होंगे, तो संस्कृति को एक स्वतंत्र विकास लक्ष्य के रूप में मान्यता मिलेगी।
शेखावत ने कहा कि तकनीकी प्रगति और जलवायु परिवर्तन के इस दौर में संस्कृति केवल विरासत नहीं, बल्कि सतत विकास का साधन बन चुकी है। उन्होंने बताया कि यूनेस्को ने महाराष्ट्र के मराठा मिलिट्री लैंडस्केप, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके वंशजों के ऐतिहासिक किले शामिल हैं, को विश्व धरोहर सूची में स्थान दिया है। इससे भारत में अब कुल 43 विश्व धरोहर संपत्तियां पंजीकृत हो चुकी हैं, जो देश की सांस्कृतिक समृद्धि और ऐतिहासिक विरासत को दर्शाती हैं।
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‘अब भारत के 10 शहर बने यूनेस्को क्रिएटिव नेटवर्क का हिस्सा’
शेखावत ने बताया कि अब भारत के 10 शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क में शामिल हो चुके हैं। इनमें जयपुर (हस्तशिल्प और लोक कला), वाराणसी (संगीत परंपरा), चेन्नई (संगीत), मुंबई (फिल्म उद्योग), हैदराबाद (पाककला-बिरयानी), श्रीनगर (हस्तशिल्प) कोजीकोड, केरल (साहित्य), ग्वालियर (संगीत) और अब लखनऊ पाककला में शामिल हुआ है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि भारत की ‘विविधता में एकता’ की सांस्कृतिक भावना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रतीक है।
छठ पूजा को यूनेस्को में शामिल करने का प्रस्ताव
शेखावत ने बताया कि भारत ने इस वर्ष छठ पूजा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। यह भारत की लोक-आस्था, पर्यावरणीय संतुलन और सामुदायिक संस्कृति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भारत अब अपनी संस्कृति का रक्षक ही नहीं, बल्कि उसे विकास का मॉडल बनाने की दिशा में अग्रसर है।
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