जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां एक बास्केटबॉल खिलाड़ी को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया गया। मरीज की सतर्कता और समय पर सूचना देने से बड़ा हादसा टल गया। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया और पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
मामला जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल के कॉटेज वार्ड का है, जहां जयपुर से इलाज करवाकर लौटे खिलाड़ी हर्षवर्धन को लिगामेंट की समस्या के चलते भर्ती किया गया था। हर्षवर्धन की स्थिति पहले से बेहतर थी और वह रिकवरी पर था। इसी दौरान अस्पताल स्टाफ ब्लड का किट लेकर उसके पास पहुंचा।
हर्षवर्धन के अनुसार ब्लड बैग पर B पॉजिटिव लिखा था, जबकि उसका ब्लड ग्रुप A पॉजिटिव है। जब उसने स्टाफ से कहा कि उसे डॉक्टर ने खून चढ़ाने के लिए नहीं कहा है तो कर्मचारियों ने फिर भी खून चढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर बाद जब हर्षवर्धन के पिता मौके पर पहुंचे तो हर्षवर्धन ने उन्हें पूरी बात बताई।
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इसके बाद जब अस्पताल प्रशासन को जानकारी दी गई तो तुरंत खून चढ़ाना रोका गया। मामला अस्पताल अधीक्षक डॉ. फतेहसिंह भाटी तक पहुंचा, जिन्होंने तुरंत जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की। उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मरीज को फिलहाल किसी तरह की परेशानी या लक्षण नहीं हैं।
हर्षवर्धन के पिता शिवलाल ने बताया कि जब वे बेटे के पास पहुंचे तो ब्लड पहले से चढ़ाया जा रहा था। उन्होंने इसकी जानकारी स्टाफ को दी, तब जाकर खून चढ़ाना बंद किया गया।
फिलहाल अस्पताल प्रशासन मामले की जांच में जुटा है। अब देखना होगा कि गलत ब्लड चढ़ाने की इस गंभीर लापरवाही पर दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।