भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने संरक्षित और निर्बाध रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष संरक्षा अभियान की शुरुआत की है। उत्तर पश्चिम रेलवे प्रशासन की ओर से यह कदम ग्रीष्म ऋतु में संभावित तकनीकी खामियों, दुर्घटनाओं और असामान्य घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि गर्मियों में रेल संचालन अधिक संवेदनशील होता है। इस मौसम में पटरियों के फैलाव, इंजन की गर्मी, उपकरणों की कार्य क्षमता, अग्निशमन व्यवस्था और यात्री सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसी कड़ी में संरक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं की बारीकी से जांच की जा रही है।
महाप्रबंधक की नियमित समीक्षा बैठकें, अधिकारियों को सख्त निर्देश
उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ खुद पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं। वे समय-समय पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें कर रहे हैं और दिशा-निर्देश जारी कर रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि गर्मियों के दौरान कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अधीनस्थ कर्मचारियों की काउंसलिंग नियमित रूप से की जाए ताकि संरक्षा के प्रति उनकी सजगता बनी रहे।
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पटरियों की गहन पेट्रोलिंग, फिटिंग्स और वेल्डिंग पर विशेष फोकस
संरक्षा अभियान के तहत ट्रैकमैनों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पटरियों की सघन पेट्रोलिंग करें और किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत रिपोर्ट करें। पटरियों की फिटिंग्स, गिट्टियों की स्थिति और वेल्डिंग की गुणवत्ता की निरंतर जांच की जा रही है। ट्रैक पर जीरो मिसिंग फिटिंग सुनिश्चित करने के लिए फिटिंग्स की रिकूपमेंट और टो लोड की उपलब्धता की नियमित निगरानी हो रही है।
इसके अलावा रनिंग ट्रैक पर कोई भी लिफ्टिंग या टेंपरिंग कार्य केवल ट्रैफिक ब्लॉक के दौरान ही किया जा रहा है और वह भी तब, जब तापमान अनुमेय सीमा में हो। रेल तापमान रिकॉर्ड की नियमित निगरानी के निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटा जा सके।
विद्युत प्रणाली और तकनीकी उपकरणों की गहन जांच जारी
बिजली से संबंधित संरचनाओं जैसे सब-स्टेशन, वितरण नेटवर्क, पैनल, ट्रांसफॉर्मर, एयर कंडीशनिंग प्लांट, डीजी सेट, लिफ्ट, एस्केलेटर और पंखों की कार्यप्रणाली की लगातार निगरानी की जा रही है। गर्मी के कारण संभावित शॉर्ट सर्किट या आग की घटनाओं को रोकने के लिए अर्थिंग नेटवर्क और स्विच गियर की रेटिंग की भी विशेष जांच की जा रही है।
एसी कोचों में लगे पंखों, कूलिंग यूनिट्स और पावर कार की कार्यक्षमता की समीक्षा की जा रही है। साथ ही अग्निशमन यंत्रों और स्मोक डिटेक्शन सिस्टम की भी विशेष जांच की जा रही है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
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इंजन की गर्मी पर नियंत्रण के लिए विशेष दिशा-निर्देश
गर्मियों के दौरान इंजन में अत्यधिक गर्मी की समस्या को देखते हुए लोको पायलटों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। उन्हें इंजन रूम के दरवाजों को ठीक से बंद रखने, रेडिएटर रूम की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इंजन के तापमान और ल्यूब ऑयल प्रेशर पर सतत निगरानी रखने को कहा गया है। अगर इंजन का तापमान 90 डिग्री सेल्सियस से अधिक होता है तो ट्रेन को स्टेशन पर रोकने और तापमान सामान्य होने पर ही आगे बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं।
पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही उत्तर पश्चिम रेलवे
उत्तर पश्चिम रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि गर्मियों में संरक्षित रेल संचालन सुनिश्चित करने के लिए वह पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। हर स्तर पर सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है और तकनीकी टीमों को पूरी सक्रियता के साथ तैनात किया गया है। यह विशेष अभियान इस बात का प्रमाण है कि रेलवे प्रशासन किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क और तैयार है।