अलवर जिले में शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 93 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में एनईबी थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर दूसरे आरोपी विशाल को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने पहले ही एक अन्य आरोपी को पकड़ा था और अब विशाल की गिरफ्तारी के साथ जांच ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस ने विशाल के कब्जे से ठगी में इस्तेमाल किए गए टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए हैं। यह घटना साइबर ठगी का एक गंभीर मामला है, जिसमें आरोपियों ने पीड़ितों को शेयर मार्केट में मुनाफे का लालच देकर लाखों रुपये हड़प लिए।
शेयर मार्केट के नाम पर ठगी का जाल
एनईबी थाना पुलिस को पीड़ित की शिकायत मिलने के बाद इस मामले की जांच शुरू हुई थी। जांच के दौरान पुलिस ने पहले आरोपी अशोक कुमार को गिरफ्तार किया था। अब दूसरा आरोपी विशाल भी पुलिस की गिरफ्त में है। थानाधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि विशाल ने ठगी की रकम में से 42 लाख रुपये अपनी बहन के बैंक खाते में ट्रांसफर किए थे। बाकी रकम को उसने शेयर मार्केट में निवेश करने और नुकसान होने का बहाना बनाकर हड़प लिया। यह ठगी का एक सुनियोजित जाल था, जिसमें आरोपियों ने पीड़ितों को झूठे मुनाफे का लालच देकर उनके साथ धोखाधड़ी की। पुलिस ने विशाल के पास से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में उपयोग किए गए टैबलेट और अन्य उपकरण बरामद किए हैं, जो इस साइबर अपराध में महत्वपूर्ण सबूत के रूप में काम करेंगे।
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साइबर ठगी का शातिर अपराधी
विशाल एक शातिर साइबर ठग है, जिसने शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर कई लोगों को अपना शिकार बनाया है। पुलिस के अनुसार, विशाल का मुख्य धंधा ही लोगों को झूठे निवेश के वादों के जरिए ठगना है। वह पीड़ितों को शेयर मार्केट में मोटा मुनाफा कमाने का लालच देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प लेता है। इस मामले में उसने 93 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा उसने अपनी बहन के खाते में ट्रांसफर कर दिया। पुलिस अब विशाल से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उसके द्वारा की गई अन्य ठगी की घटनाओं का भी पता लगाया जा सके। थानाधिकारी दिनेश चंद्र ने बताया कि विशाल की पूछताछ से साइबर ठगी के कई अन्य मामले उजागर होने की संभावना है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
चूंकि यह मामला साइबर ठगी से जुड़ा है, इसलिए पुलिस तकनीकी पहलुओं की भी गहराई से जांच कर रही है। बरामद किए गए टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच की जा रही है ताकि ठगी के तौर-तरीकों और अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाया जा सके। पुलिस को उम्मीद है कि विशाल से पूछताछ के दौरान और भी महत्वपूर्ण खुलासे होंगे, जो साइबर ठगी के इस नेटवर्क को तोड़ने में मदद करेंगे। साथ ही पुलिस उन पुराने मामलों की भी जांच कर रही है, जिनमें विशाल की संलिप्तता हो सकती है। इस कार्रवाई से न केवल पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद है, बल्कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने में भी मदद मिल सकती है।
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आरोपियों से हो रही गहन पूछताछ
एनईबी थाना प्रभारी दिनेश चंद्र ने कहा कि हमने इस मामले में दूसरा आरोपी विशाल को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से ठगी में इस्तेमाल किए गए उपकरण बरामद किए हैं। यह एक साइबर ठगी का गंभीर मामला है, जिसमें 93 लाख रुपये की रकम हड़पी गई। हम गहन पूछताछ कर रहे हैं ताकि इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों का भी पता लगाया जा सके। हमारी कोशिश है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द न्याय मिले।