जोधपुर शहर के नांदड़ी इलाके में स्मार्ट मीटरों से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोगों का आक्रोश फूट पड़ा। रविवार को बड़ी संख्या में स्थानीय लोग एईएन (सहायक अभियंता) कार्यालय के बाहर जुटे और लगभग दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी नागरिकों का कहना था कि बंद मीटर के बावजूद बिजली के बिल आ रहे हैं और जिन उपभोक्ताओं ने सीमित उपयोग किया है, उन्हें भी तीन से चार हजार रुपये के बिल थमा दिए गए हैं, जो पहले के बिल की तुलना में कहीं अधिक हैं।
लोगों का यह भी आरोप है कि स्मार्ट मीटरों में तकनीकी खामियों के कारण गलत बिलिंग हो रही है, जिससे आमजन बुरी तरह परेशान हैं। पूर्व में जहां 800 से 1,000 रुपये का बिल आता था, अब वह अचानक तीन गुना तक बढ़ गया है।
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बनाड़ पुलिस मौके पर पहुंची, डिस्कॉम ने दी समझाइश
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही बनाड़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालने की कोशिश की। साथ ही डिस्कॉम (विद्युत वितरण निगम) के अधिकारियों ने भी मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांग पर अड़े रहे।
लोगों का साफ कहना था कि जब तक स्मार्ट मीटर नहीं हटाए जाएंगे, आंदोलन जारी रहेगा। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि डिस्कॉम जल्द ही एक जांच कमेटी गठित करेगा, जो लोगों की शिकायतों की जांच कर समाधान निकालेगी। साथ ही यह भी बताया गया कि शिविर लगाकर ज्यादा बिल आने वाले उपभोक्ताओं की समस्याएं सुलझाई जाएंगी।
राज्यभर में उठ रही स्मार्ट मीटर के खिलाफ आवाज
गौरतलब है कि राजस्थान के कई जिलों में स्मार्ट मीटर को लेकर आमजन असंतोष जता चुके हैं। जोधपुर के ग्रामीण इलाकों में पहले भी ऐसे विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं, लेकिन अब नांदड़ी जैसे शहरी इलाकों में भी विरोध तेज होता दिख रहा है। सरकार की ओर से बिजली आपूर्ति को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए लगाए जा रहे ये स्मार्ट मीटर, अब खुद एक बड़ी जनसमस्या में बदलते दिख रहे हैं। लोगों का मानना है कि इस तकनीक को बिना पर्याप्त परीक्षण और जनहित के सुझावों के लागू करना अनुचित है।
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‘अगर समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज होगा’
प्रदर्शन कर रहे स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और विद्युत विभाग ने जल्द ठोस कार्रवाई नहीं की, तो वे सड़क पर उतरकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। लोगों ने मांग की है कि या तो स्मार्ट मीटर पूरी तरह हटाए जाएं या बिलिंग प्रणाली की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।