जोधपुर शहर के शास्त्री सर्किल स्थित एलईडी वॉल पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का विज्ञापन चलने से अचानक हड़कंप मच गया। प्रदेश में वर्तमान में भाजपा की सरकार है और मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहरी एवं ग्रामीण सेवा शिविरों का आयोजन हो रहा है। ऐसे समय में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने नई बहस छेड़ दी है, जिसमें नगर निगम की एलईडी स्क्रीन पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय का वर्ष 2021 का विज्ञापन चल रहा था।
सेवा शिविरों के बीच चला गलत विज्ञापन
वर्तमान में भाजपा सरकार द्वारा राज्यभर में सेवा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं ताकि जनकल्याणकारी योजनाएं सीधे जनता तक पहुंच सकें। इसके विपरीत, शास्त्री सर्किल की एलईडी पर पूर्व कांग्रेस सरकार के ‘प्रशासन शहरों के संग अभियान’ और ‘10 लाख पट्टा वितरण’ से जुड़ा विज्ञापन चल पड़ा। यह वीडियो रातों-रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद शहरभर में यह चर्चा का विषय बन गया।
नगर निगम की एलईडी, संचालन निजी एजेंसी के हाथ
पड़ताल में सामने आया कि शास्त्री सर्किल की एलईडी स्क्रीन नगर निगम दक्षिण की है, लेकिन इसका संचालन एक निजी विज्ञापन एजेंसी को सौंपा गया है। नगर निगम हर साल इसके लिए टेंडर जारी करता है। इस बार भी एजेंसी के जिम्मे यह एलईडी वॉल है।
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जिम्मेदारों की चुप्पी बनी सवाल
इस मामले पर नगर निगम महापौर से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनके पीए ने फोन पर जवाब दिया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। वहीं निजी एजेंसी के जिम्मेदारों से कई बार फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इससे लोगों के बीच यह सवाल और गहरा गया कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।
निगरानी का अभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि विज्ञापन एजेंसियों को टेंडर देने के बावजूद मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी निगम और अधिकारियों की भी होती है। अगर ऐसी चूक पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में कोई भी विज्ञापन चलाया जा सकता है। गलती चाहे किसी की भी हो, शहर में इसे लेकर गंभीरता दिखाई जानी चाहिए।
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