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VIDEO: माता सीता को ब्याहने बरात लेकर निकले रघुराई, जनक महल में बाजी बधाई
अगवानी करने वालों को जब प्रभु श्रीराम की बरात दिखाई दी, तो उनके हृदय में आनंद छा गया और शरीर रोमांच से भर गया। अगवानों को देखकर बरातियों ने प्रसन्न होकर नगाड़े बजाए। मौका था बृहस्पतिवार को प्रभु श्रीराम की बरात का। बराती थे स्वर्गलोक के देवता और सुहागनगरी के झूमते-गाते भक्त। माता जानकी को ब्याहने जब प्रभु राम अपने भाइयों के साथ जनकपुरी की ओर चले तो पूरा नगर साथ हो लिया। शाम होते ही पूरा शहर अयोध्या में बदल गया। हर घर में खुशियों की बहार छाई थी। श्रीराम की बरात में बराती बनने को हर कोई आनंदित दिखा। प्रभु के उद्घोष के साथ शाम 8 बजे राधा कृष्ण मंदिर से शुरू हुई। मुनि विश्वामित्र और गुरु वशिष्ठ का आशीर्वाद लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सज धज कर रथ पर सवार हुए। उनके साथ लक्ष्मण थे और दूसरे रथ पर भ्राता भरत और शत्रुध्न भी सवार होकर जनक महल की ओर निकल पड़े। बरात में ऊंट और घोड़े ध्वज पताका के साथ आगे चल रहे थे। फिर ढोल की गूंजती आवाज ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। सबसे आगे श्री गणेश की झांकी बरात का नेतृत्व कर रही थी, जिस गली और बाजार से दशरथ अपने पुत्रों संग निकले लोगों ने श्रद्धाभाव से उनकी आरती उतारी, पुष्पों की वर्षा की।
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