रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोधपुर के वंदे भारत कोच मेंटिनेंस डिपो के विस्तार के लिए 195 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इस राशि से डिपो के साथ अत्याधुनिक बहुद्देश्यीय वर्कशॉप और विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना होगी। इससे जोधपुर में वंदे भारत स्लीपर सहित सभी सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का रखरखाव संभव हो सकेगा। यात्रियों को अधिक गति के साथ आरामदायक सफर की सुविधा मिलेगी।
जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि भगत की कोठी वॉशिंग लाइन के पास 167 करोड़ रुपये की लागत से डिपो निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है। अब द्वितीय चरण में प्रशिक्षण केंद्र और उन्नत वर्कशॉप के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यहां वंदे भारत ट्रेनों के रखरखाव से जुड़े इंजीनियरों और कर्मचारियों को उच्च तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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रेलवे बोर्ड को भेजे गए प्रस्ताव पर स्वीकृति मिलने से उत्तर पश्चिम रेलवे को बड़ी राहत मिली है। परियोजना पूरी होने पर यह देश का पहला ऐसा डिपो होगा, जहां हाई स्पीड व स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का संपूर्ण रखरखाव होगा। इससे परिचालन अधिक सुव्यवस्थित होगा और ट्रेनों की गति व सेवा की विश्वसनीयता में सुधार आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 फरवरी 2024 को इस डिपो का शिलान्यास किया था। द्वितीय चरण में कवर्ड शेड, वृहद वर्कशॉप क्षेत्र, ओएचई युक्त पिट लाइन और सर्विस बिल्डिंगों का निर्माण शामिल है।
इस परियोजना से एक ही स्थान पर अत्याधुनिक तकनीक के अनुरक्षण की सुविधा मिलेगी, संरक्षा बढ़ेगी और अधिक ट्रेनों के संचालन की क्षमता विकसित होगी। साथ ही, क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी सुदृढ़ होने के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक रोजगार अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस विकास के साथ जोधपुर अब हाई स्पीड रेल पारिस्थितिकी तंत्र का एक प्रमुख केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। साथ ही जोधपुर के विकास को नए पंख भी लगेंगे