राजस्थान में जर्जर विद्यालय भवनों की छतें गिरने की घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनी हुई हैं। इसी कड़ी में करौली जिले के श्रीमहावीरजी कस्बे स्थित महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में शुक्रवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। विद्यालय के स्टोर रूम की जर्जर छत अचानक भरभराकर गिर गई। आवाज सुनते ही स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के चलते जिला प्रशासन ने पहले ही अवकाश घोषित कर दिया था। इस कारण विद्यालय में बच्चे मौजूद नहीं थे, केवल स्टाफ सदस्य ही स्कूल में थे। इससे बड़ा हादसा टल गया।
प्रधानाचार्य मुकुट गुर्जर ने बताया कि विद्यालय में 350 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। स्टोर रूम की जर्जर अवस्था को देखते हुए विभाग को पहले ही सूचित कर दिया गया था। हादसा रात में हुआ, और जब सुबह स्टाफ स्कूल पहुंचा तो छत गिरी हुई मिली। घटना की सूचना संबंधित विभाग को दी गई, जिसके बाद स्टोर रूम को जमींदोज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सुरक्षा के लिए क्षेत्र को घेराबंदी कर प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।
इंचार्ज लक्ष्मीनारायण ने बताया कि विद्यालय भवन के कई कक्ष लगभग 50 साल पुराने हैं और कई कमरों का उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। छत गिरा हुआ कमरा भी लंबे समय से स्टोर के रूप में इस्तेमाल हो रहा था, जिसमें पुराना सामान रखा था।
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स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि उस दिन अवकाश घोषित नहीं किया गया होता और हादसा दिन में होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना के बाद अभिभावकों में डर का माहौल है और वे प्रशासन से जर्जर भवन हटाकर नए कक्षों के निर्माण की मांग कर रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर राजस्थान के शिक्षा विभाग और प्रशासन के सामने जर्जर स्कूल भवनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा करती है। यदि समय रहते मरम्मत व नए निर्माण नहीं किए गए, तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं बच्चों की जान के लिए खतरा साबित हो सकती हैं।