राजस्थान के कोटा जिले में लाडपुरा तहसीलदार के चेंबर में वकीलों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान एक वकील ने तहसीलदार को कोर्ट में देख लेने की धमकी तक दे डाली। वकीलों ने तहसीलदार पर आरोप लगाया कि उन्होंने रुपए लेकर जमानत पर छोड़ दिया। यह हंगामा काफी देर तक तहसील कार्यालय में जारी रहा।
वकीलों के एक पैनल ने जिला कलेक्टर को भी शिकायत दी और तहसीलदार को निलंबित करने की मांग की है। दरअसल, यह पूरा विवाद उस मामले से जुड़ा है जिसमें एक वकील से मारपीट के आरोपियों को तहसील कार्यालय में पेश करने का मामला था। वकील 28 दिसंबर को तहसील कार्यालय पहुंचे और वहां हंगामा किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।
अधिवक्ता अतीश सक्सेना ने आरोप लगाया कि तहसीलदार राजवीर यादव ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और कहा, 'कानून मत सिखाओ, मेरे यहां वकालतनामा और वकील की जरूरत नहीं है। मैं अपने हिसाब से आर्डर करूंगा।' वहीं तहसीलदार राजवीर यादव का कहना है कि वकीलों के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि रेलवे कॉलोनी थाना सीआई से मुलजिमों को लाने के लिए कहा गया, लेकिन जाब्ता और गाड़ी उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद मुलजिम को उनके घर पर पेश किया गया और कागजात भी पेश किए गए।
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मामला रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र का है। यहां अधिवक्ता अंसार मोहम्मद और उनके बेटे के साथ आधा दर्जन से अधिक लोगों ने मारपीट की थी। पुलिस ने शिकायत पर 6 लोगों को डिटेन किया और चार लोगों को थाने से वापस भेज दिया। इसके बाद चांद मोहम्मद और फैजान को लाडपुरा तहसीलदार के सामने पेश किया गया। इस दौरान अधिवक्ता अंसार की ओर से सीनियर वकीलों ने भी बहस की। वकीलों का आरोप है कि तहसील में न तो मुलजिम पेश हुए, न कागज पेश हुए और न ही कोई वकालतनामा पेश किया गया। फिर भी तहसीलदार ने मुलजिम से 20 हजार रुपए जमानत के रूप में ले लिए।