आज सावन के पहले सोमवार को कोटा शहर के शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। भगवान भोले के भक्त जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिरों जैसे गेपरनाथ, गडरिया महादेव, चंद्रेशल मठ, कंसुआ शिवधाम और खासकर शिवपुरी धाम में बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए पहुंचे।
शहर का शिवपुरी धाम देश ही नहीं, दुनिया का ऐसा इकलौता मंदिर माना जाता है, जहां एक साथ 525 शिवलिंग स्थापित हैं। यह मंदिर थेकड़ा पुलिया के समीप स्थित है और श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। मंदिर के मध्य में एक विशाल 14 टन वजनी शिवलिंग स्थापित है, इसकी खासियत यह है कि इसमें छोटे-छोटे 1008 शिवलिंगों की आकृतियां भी उकेरी गई हैं। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थापत्य कला और आध्यात्मिक ऊर्जा का भी अद्भुत संगम है।
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मंदिर की देखरेख कर रहे नागा बाबा सनातन पुरी बताते हैं कि यह स्थान संतों की तपोभूमि रहा है। श्री श्री 1008 रामपुरी जी महाराज ने त्याग का मार्ग अपनाकर वर्षों की तपस्या के बाद भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन प्राप्त किए थे, जिसके बाद उनके आशीर्वाद से इस मंदिर का निर्माण हुआ। वर्ष 2007 में 111 कुंडीय महायज्ञ कर 525 शिवलिंगों की प्राण-प्रतिष्ठा की गई थी। बाबा सनातन पुरी बताते हैं कि जब इस विशाल शिवलिंग को क्रेन की मदद से स्थापित किया गया, तो वह तिरछा खड़ा हुआ था। लेकिन अगली सुबह जब देखा गया, तो वह अपने आप सीधा हो चुका था, जिसे भक्त आज भी चमत्कार मानते हैं।
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माना जाता है कि जो श्रद्धालु 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन नहीं कर पाते, वे यहां आकर 525 शिवलिंगों की पूजा कर उसी पुण्य की अनुभूति प्राप्त करते हैं। श्रद्धालु रोजाना यहां जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक कर भगवान शिव से अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और कहते हैं कि यहां आकर उन्हें साक्षात भोलेनाथ के दर्शन का अनुभव होता है।