ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाला नागौर का रियां बड़ी कस्बा इन दिनों नगर पालिका परिषद की लापरवाही और अव्यवस्था का प्रतीक बन गया है। दीवाली जैसे स्वच्छता और प्रकाश के पर्व पर भी कस्बे की गलियां, मुख्य मार्ग और सार्वजनिक स्थल कचरे, कीचड़ और दुर्गंध से भरे पड़े हैं। जहां एक ओर राज्यभर में रोशनी की जगमगाहट है, वहीं रियां बड़ी के लोग गंदगी और प्रशासनिक उदासीनता से परेशान हैं।
नगर पालिका पर लापरवाही के आरोप
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगर पालिका सफाई के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपये खर्च होने का दावा करती है, लेकिन इसका असर जमीनी स्तर पर नहीं दिखता। वकील सुखदेव भाटी ने एक वीडियो जारी कर पालिका की कार्यप्रणाली पर कड़ा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नगर पालिका सिर्फ कागजी सफाई दिखा रही है, जबकि सड़कों और नालों की स्थिति बेहद दयनीय है। भाटी ने चेतावनी दी कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो जन आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।
दासावास रोड और गिवारियो की ढाणी में सबसे खराब हालात
रियां बड़ी के मुख्य मार्गों में से एक दासावास रोड, विशेषकर गिवारियो की ढाणी के पास, की स्थिति सबसे खराब बताई जा रही है। सड़कों पर कचरे के ढेर और कीचड़ के कारण लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि दीवाली के पवित्र अवसर पर भी सफाई का नामोनिशान नहीं है। गंदगी से उठती बदबू और मच्छरों का प्रकोप लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है।
चिकित्सालय के बाहर भी गंदगी का अंबार
राजकीय चिकित्सालय के बाहर की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। प्रतिदिन सैकड़ों मरीज और उनके परिजन यहां आते हैं, लेकिन अस्पताल के बाहर कचरे के ढेर और कीचड़ से गुजरना लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। मच्छरों की बढ़ती संख्या से संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। विडंबना यह है कि चिकित्सालय से महज 200 मीटर की दूरी पर नगर पालिका परिषद, तहसील और उपखंड कार्यालय हैं, लेकिन अधिकारी अपनी बंद गाड़ियों में बैठकर गंदगी से आंखें मूंदे रहते हैं।
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बस स्टैंड पर यात्रियों को भारी परेशानी
दीवाली के अवसर पर यात्रियों की भीड़ के बावजूद रियां बड़ी का मुख्य बस स्टैंड भी बदहाली की तस्वीर पेश कर रहा है। बस स्टैंड परिसर में कचरे के ढेर और दुर्गंध के बीच यात्रियों को खड़ा होना तक मुश्किल है। आसपास की दुकानों और ठेलों पर भी गंदगी का असर व्यापार पर पड़ा है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि कचरे के ढेरों के कारण ग्राहक दुकानों तक पहुंचने से कतराते हैं, जिससे कारोबार ठप पड़ गया है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि रियां बड़ी कस्बे की यह स्थिति न केवल नगर पालिका की नाकामी को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि सफाई बजट आखिर खर्च कहां हो रहा है। लोगों ने प्रशासन से तत्काल सफाई व्यवस्था में सुधार की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर जल्द कदम नहीं उठाया गया तो जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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