फाइनेंस कर्मी की संदिग्ध परिस्थिति में हुई मौत के मामले ने अब नागौर में जोर पकड़ लिया है। घटना के 20 दिन बाद भी पुलिस की जांच में कोई ठोस खुलासा नहीं होने से आक्रोशित भार्गव समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। मृतक की बहन ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो वह आत्मदाह कर लेगी।
बताया गया कि सदर थाना इलाके के कृष्ण गोपाल गोशाला व धनराज स्कूल के पास 10 जून 2025 की रात करीब 10:22 बजे जगदीश भार्गव (पुत्र बालकिशन भार्गव) अपनी मोटरसाइकिल से घर लौट रहा था। इसी दौरान किसी अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला दर्ज तो कर लिया, लेकिन परिजनों का आरोप है कि घटना के 20 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक कोई ठोस जांच या गिरफ्तारी नहीं हुई।
परिजनों के मुताबिक मृतक जगदीश भार्गव के बड़े भाई विनोद भार्गव की भी 13 मई 2025 को इसी तरह संदिग्ध हालात में टक्कर मारकर हत्या कर दी गई थी। उस मामले का सीसीटीवी फुटेज पुलिस को देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में परिवार को शक है कि जगदीश की मौत भी हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी हत्या है।
पढ़ें: दो घंटे तक धौलपुर में हुई मूसलाधार बारिश, डूंगरपुर में पारा गिरा; जानें मौसम का ताजा हाल
मृतक की बहन ने दी आत्मदाह की चेतावनी
जगदीश भार्गव की बहन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमें पुलिस ने सिर्फ दो दिन का वक्त दिया है। अगर दो दिन में भी हमें सही जानकारी या कार्रवाई नहीं मिली तो मैं आत्मदाह कर लूंगी। मेरा भाई ही घर का अकेला कमाने वाला था। पिता पुत्र वियोग में मानसिक संतुलन खो बैठे हैं और मां जोधपुर के एमडीएम अस्पताल में भर्ती हैं।
सीसीटीवी फुटेज में दिखा संदेह
मृतक के चाचा अनिल भार्गव ने बताया कि उन्होंने खुद मौके के आसपास से सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं, लेकिन पुलिस अब तक कोई ठोस सबूत नहीं निकाल पाई। उनके अनुसार, “एक फुटेज में जगदीश जाता हुआ दिखता है लेकिन ऐन मौके का एक मिनट का वीडियो गायब है, जिसमें टक्कर का दृश्य होना चाहिए था। मौके पर चप्पल और बालों के गुच्छे इधर-उधर पड़े थे, लेकिन खून एक ही जगह पर था। इससे शक होता है कि उसे मारकर सड़क पर फेंका गया। गौरतलब है कि नाराज परिजन और समाज के लोगों ने हाल ही में जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित और पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच की मांग की है।