राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने शुक्रवार को सदन में तारांकित प्रश्न के माध्यम से देशभर में रेलवे पटरियों से आपराधिक छेड़छाड़ की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की। सांसद ने कहा कि पिछले दो वर्षों में ऐसे मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है, जो रेल सुरक्षा और यात्री जीवन दोनों के लिए गंभीर खतरा है।
रेल प्रशासन–पुलिस समन्वय को मजबूत करने की जरूरत
चर्चा के दौरान डांगी ने केंद्र सरकार के कदमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पकड़े गए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके। उन्होंने रेलवे प्रशासन और पुलिस के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया। साथ ही सुझाव दिया कि पटरियों की निगरानी निजी या सार्वजनिक एजेंसियों की सहायता से बढ़ाई जाए, जिससे सुरक्षा तंत्र और मजबूत हो सके।
रेल संपत्ति की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रबंध की मांग
सांसद डांगी ने कहा कि जब तक रेलवे पटरियों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त और प्रभावी प्रबंध नहीं किए जाएंगे, तब तक रेल संपत्ति आपराधिक गतिविधियों से प्रभावित होती रहेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से त्वरित और कड़े सुरक्षा उपाय लागू करने की मांग की।
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पीएमएफएमई स्कीम के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी उठाया मुद्दा
सदन में पूरक प्रश्न के दौरान डांगी ने पीएमएफएमई स्कीम के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम की गुणवत्ता पर भी प्रश्न उठाया। उन्होंने पूछा कि प्रशिक्षण के प्रभाव का आकलन किन मापदंडों के आधार पर किया जा रहा है। सांसद ने बताया कि कई सूक्ष्म इकाइयों को पैकेजिंग, ब्रांडिंग और खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुपालन में कठिनाइयां आ रही हैं। इसलिए तकनीकी विशेषज्ञों की समर्पित टीम द्वारा जमीन पर निरंतर मदद उपलब्ध कराई जानी चाहिए। इस पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री स्पष्ट जवाब नहीं दे सके, लेकिन उन्होंने तकनीकी विशेषज्ञों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया।