टोंक जिले में अवैध बजरी खनन और परिवहन को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खनिज और परिवहन विभाग की लापरवाही का खामियाजा अब पुलिस को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि लगातार दो समुदायों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। आज एक बार फिर टोंक शहर के सदर थाना क्षेत्र में बजरी भरने और ढोने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए।
मारपीट और आगजनी की घटनाओं से बढ़ा तनाव
बीते दिनों दोनों पक्षों के बीच कई बार झड़प और आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। शुक्रवार देर रात एक युवक की मारपीट कर मोटरसाइकिल को आग लगाने की घटना ने माहौल और बिगाड़ दिया। इसके विरोध में आज रविवार को मौलाइपुरा के पास स्थानीय लोगों ने बनास नदी से ऊंट गाड़ी में बजरी भरने वालों को रोक दिया। इस दौरान ऊंट गाड़ी चालक और ग्रामीणों में जमकर बहस हुई और माहौल तनावपूर्ण बन गया।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कराया शांतिपूर्ण समाधान
मामले की सूचना मिलते ही सदर थाना अधिकारी जयमल सिंह राठौड़ पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने दोनों पक्षों से बातचीत कर माहौल को शांत किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच सुलह करवाई और समझाइश दी।
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थाना अधिकारी जयमल सिंह राठौड़ ने बताया कि दोनों पक्षों में समझाइश कर दी गई है। इससे पहले भी यहां छोटे-मोटे विवाद हुए थे, जिनमें शामिल हिस्ट्रीशीटरों को गिरफ्तार किया गया था। अब अन्य मामलों की भी जांच चल रही है और सभी पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
‘विभागों की लापरवाही से बढ़ रहा अवैध खनन’
मौलाइपुरा और चिड़ी की बाड़ी क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार ट्रैक्टर और ऊंट गाड़ियों से अवैध बजरी व मिट्टी निकाली जा रही है, लेकिन विभाग कार्रवाई नहीं कर रहा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो क्षेत्र में फिर से तनाव बढ़ सकता है।
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