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Bilaspur: क्लस्टर प्रणाली के विरोध में सड़कों पर उतरे प्राथमिक शिक्षक, उग्र आंदोलन की चेतावनी
क्लस्टर प्रणाली के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ सड़कों पर उतर आया है। संघ ने रविवार को क्लस्टर प्रणाली के विरोध में चारों खंड में रोष रैलियां निकाली और चेतावनी दी गई कि यदि शीघ्र इस अधिसूचना को वापस नहीं लिया जाता है, तो राज्य स्तर पर उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी सरकार और शिक्षा विभाग की होगी। संघ की ओर से सदर, घुमारवीं, झंडूता और बिलासपुर में रैली निकाली गई और निर्णय के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान उपमंडलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। जिला प्रधान रमेश वर्मा ने कहा कि 23 सितंबर 2025 को नई क्लस्टर प्रणाली को लेकर अधिसूचना जारी की गई। इससे पहले भी शिक्षा विभाग ने 29 नवंबर 2023 को एक अधिसूचना जारी की थी। उन्होंने कहा कि उस समय भी प्राथमिक शिक्षकों ने इसका विरोध किया गया था, लेकिन इसके बाद प्राथमिक शिक्षा व प्राथमिक शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए 13 फरवरी 2024 को संशोधित अधिसूचना जारी हुई। इस अधिसूचना में बनाई गई क्लस्टर प्रणाली को रिसोर्स शेयरिंग तक सीमित रखने पर सहमति बनी थी। यह भी निर्णय हुआ था कि नर्सरी से पांचवीं कक्षा तक प्राथमिक शिक्षा का प्रशासनिक नियंत्रण और संचालन पूर्व की तरह मुख्य शिक्षकों, केंद्रीय मुख्य शिक्षकों, खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास रहेगा। छठी से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों का संचालन और प्रशासनिक नियंत्रण प्रधानाचार्य के अधीन रहेगा। अब 23 सितंबर 2025 को जारी अधिसूचना में दिशा निर्देशों में प्राथमिक शिक्षा का पूर्ण नियंत्रण और संचालन प्रधानाचार्य को दे दिया गया है। रमेश शर्मा ने कहा कि स्कूल प्रधानाचार्य पहले से ही अतिरिक्त कार्य की मार झेल रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप दी गई। लंबे समय से प्राथमिक शिक्षा का अलग ही ढांचा रहा है और शिक्षा विभाग की ओर से नए फरमान जारी कर दिए गए, जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की रिपोर्ट में हिमाचल प्राथमिक शिक्षा में पहले स्थान पर रहा। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में भी हिमाचल प्रदेश ने तीसरी कक्षा के सर्वेक्षण में राष्ट्र स्तर पर दूसरा स्थान हासिल किया। यह परिणाम प्राथमिक शिक्षा के अलग ढांचे से ही सामने आए हैं। प्राथमिक शिक्षकों की मेहनत भी इसमें रही है। उन्होंने मांग उठाई कि अधिसूचना को वापस लिया जाए, ताकि संघ आंदोलन करने को मजबूर न हो। सदर, घुमारवीं, झंडूता और स्वारघाट में शिक्षकों ने धरना दिया और रैली निकालकर रोष जताया। इस मौके पर राज्य सचिव राकेश पटियाल, रफी मोहम्मद, खूब सिंह ठाकुर, राजीव शांडिल, नरेंद्र कुमार, बाबूलाल ,जावेद इकबाल, जोगिंद्र लाल शर्मा, तेज पाल शर्मा, कृष्ण जसवाल, पवन गुलेरिया सहित अन्य शिक्षक मौजूद रहे।
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