राजस्थान के अलवर जिले में ग्रेप-4 की पाबंदी के बाद भी जिला अस्पताल राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में निर्माण लगातार जारी है। अस्पताल में कलेक्टर के आदेशों की धड़ल्ले से अवहेलना की जा रही है और इसे देखने वाला कोई नहीं है।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में आने वाले क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग ग्रेप की पाबंदियां लगाई गई हैं। वहीं, अगर अलवर की बात करें तो यहां ग्रेप-4 लग चुका है, जिसमें भविष्य में चल रहे किसी भी प्रकार के भवन निर्माण पर पाबंदियां लगा दी हैं। जिला कलेक्टर के आदेशों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के भवन का निर्माण नहीं कर सकता है।
ऐसे में राजीव गांधी समान्य चिकित्सालय में जिला कलेक्टर और ग्रेप-4 की पाबंदियों के बाद भी निर्माण जारी है। जबकि यहां रोजाना हजारों की संख्या में मरीज आते हैं। कोई दमा, एलर्जी या स्वास से संबंधित बीमारी का मरीज आता है तो उसको खासी परेशानी उठानी पड़ेगी। ऐसे में ग्रेप-4 की पाबंदी के बाद भी आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसे में जिला कलेक्टर या पॉल्यूशन विभाग जिला अस्पताल के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा।
नगर निगम आयुक्त जितेंद्र सिंह नरूका ने मीडिया से बातचीत में बताया एनसीआर में जो भी क्षेत्र आता है, वहां 18 नवंबर सुबह से ग्रेप-4 की पाबंदी लगा दी गई है, जिसमें किसी भी प्रकार का कोई भी भवन निर्माण नहीं कर सकता है। अगर अलवर की बात की जाए तो यहां अत्यधिक प्रदूषण सड़क पर उड़ने वाली डस्ट से होता है, जिसके लिए लगातार सड़कों पर फॉगिंग वाली मशीन से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। ताकि उड़ने वाली डस्ट के प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके।
वहीं, आम जनता से भी अपील की है कि बिना वजह अत्यधिक वाहन न चलाएं और अपने आसपास किसी भी तरीके के कचरे को न जलाएं, ताकि बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाई जा सके। ऐसे में कहीं भी हो रहे भवन निर्माण के लिए ठेकेदार और संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कहीं भी कोई निर्माण हो रहा है, उसको तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया जाए। क्योंकि ऐसे में अगर कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाएगा।